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सीएए अधिकार देने के लिए है, लेने के लिए नहीं : मोदी

सीएए पर कथित रूप से विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अधिकार देने का कानून है अधिकार लेने का नहीं।

सीएए अधिकार देने के लिए है, लेने के लिए नहीं : मोदी
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बेलूर मठ | नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर कथित रूप से विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अधिकार देने का कानून है अधिकार लेने का नहीं। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि देश के युवाओं और अन्य नागरिकों को शुक्रवार को लागू हुए सीएए पर गुमराह किया जा रहा है। यह कानून 11 दिसंबर को संसद में पारित हुआ था।

बेलूर मठ में युवाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "सीएए नागरिकता देने का कानून है, यह किसी की नागरिकता छीनता नहीं है। सरकार कानून के माध्यम से नागरिकता दे रही है, यह किसी की नागरिकता छीन नहीं रही है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएए उन शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है, जिन्हें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न सहना पड़ा।

उन्होंने कहा, "भारत के संविधान में विश्वास करने वाले किसी भी व्यक्ति को निश्चित कानूनी प्रक्रियाओं के बाद नागरिकता प्रदान कर दी जाएगी।"

उन्होंने कहा कि सरकार महात्मा गांधी के बताए मार्ग पर चल रही है और नया नागरिकता कानून उत्पीड़न के शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में है।

सीएए पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान इस कानून के खिलाफ देशभर के विभिन्न शहरों में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद आया है।

उन्होंने युवाओं से भी लोगों के मन से इस संबंध में अफवाहों को दूर करने का आवाह्न किया।

यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार होने के बाद 31 दिसंबर 2014 से पहले से भारत में शरणार्थी बनकर रहने वाले छह गैर-मुस्लिम समुदायों- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता प्रदान करने के बारे में है।


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