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गार्डेनिया बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे खरीदारों का आरोप, बाउंसरों ने पीटा

 सेक्टर-75 में रविवार दोपहर बिल्डर के खिलाफ  विरोध जता रहे लोगों को हटाने के लिए बाउंसरों से पिटाई कराने का आरोप है

गार्डेनिया बिल्डर के खिलाफ  प्रदर्शन कर रहे खरीदारों का आरोप, बाउंसरों ने पीटा
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नोएडा। सेक्टर-75 में रविवार दोपहर बिल्डर के खिलाफ विरोध जता रहे लोगों को हटाने के लिए बाउंसरों से पिटाई कराने का आरोप है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि बिल्डर के बाउंसरों ने महिलाएं बच्चों व बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा और सभी को धक्का देते हुए जबरन भगा दिया।

इस मामले में पीड़ितों की तरफ से पुलिस से शिकायत की गई है। सेक्टर-49 थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
यह मामला गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स बिल्डर के ऑफिस के बाहर का है। इस बिल्डर का सेक्टर-46 में गार्डेनिया ग्लोरी नाम से एक प्रोजेक्ट है। विरोध कर रहे लोगों नेे बताया कि 2010 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को 2012 में ही पूरा होना था। इस प्रोजेक्ट में 20 टावर में 1600 फ्लैट हैं।

मगर 6 साल में भी महज 600 फ्लैट खरीदारों को मिल पाए। हालांकि, जिन लोगों को फ्लैट मिले हैं उनमें भी काफी कमियां हैं। इस वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। इसलिए फ्लैट में रहने वाले और जिन्हें अब तक पजेशन नहीं मिला, वो भी मिलकर सैकड़ों की संख्या में लोग रविवार दोपहर में एकत्र हुए।

इसके बाद प्रदर्शन करने लगे। खरीदारों ने आरोप लगाया कि विरोध करने के दौरान बिल्डर ने साइट पर कार्य कर रहीं महिला मजदूरों को पहले मौके पर भेज दिया। इसके बाद विरोध कर रही महिलाओं के साथ मजदूर महिलाएं झड़प करने लगीं। इन्होंने पोस्टर भी छीन लिए। इसका विरोध करने पर दर्जनों बाउंसर ने लोगों की पिटाई शुरू कर दी। महिलाए बुजुर्ग व बच्चों को जबरन भगाने लगे। इसे देख पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के आने पर आरोपी बाउंसर भाग निकले।

स्पेक्ट्रम प्रोजेक्ट में लगा दिया पैसा

गार्डेनिया रेजिडेंट मैनेजमेंट कमिटी के पदाधिकारी दीपक गर्ग, कैलाश पांडेय व निर्मला शर्मा का कहना है कि गार्डेनिया ग्लोरी प्रोजेक्ट से पैसे लेकर बिल्डर ने अपने दूसरे प्रोजेक्ट स्पेक्ट्रम में पैसे लगा दिए। बिल्डर ने अब तक गार्डेनिया ग्लोरी प्रोजेक्ट के 400 करोड़ जमा नहीं कराए हैं। इनमें नोएडा प्राधिकरण को 215 करोड़ व बैंकों को 185 करोड़ रुपए देने हैं।

जब तक बिल्डर ये रकम जमा नहीं कराता है तब तक प्राधिकरण बिल्डर को एनओसी नहीं देगा। तब तक बिल्डर खरीदारों को पजेशन नहीं दे सकेगा।


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