आजादपुर सब्जी मंडी के व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर फल एवं सब्जी मंडी के व्यापारियों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है
नयी दिल्ली। एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर फल एवं सब्जी मंडी के व्यापारियों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जायेगा वे हड़ताल जारी रखेंगे और इसकी वजह से राजधानी में फल एवं सब्जियों के दाम बढे तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।
आजादपुर फल एवं सब्जी बिक्रेता संघ के अध्यक्ष मेठा राम कृपलानी ने कहा कि व्यापारी पिछले 12 दिन से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत थे। कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) प्रशासन की अनदेखी के कारण मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ी। प्रशासन ने बार-बार आश्वासन देने के बावजूद व्यापारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। व्यापारी नेता ने बताया कि मंडी में आलू-प्याज के कुछ कारोबारियों को छोड़कर फल और सब्जी के सभी व्यापारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया।
मंडी में फल एवं सब्जी की आमद नगण्य रही। खरीदार भी नदारद थे। हड़ताल की वजह से एक दिन में 30 से 35 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है और एपीएमसी को भी इससे मिलने वाली एक प्रतिशत राशि करीब 30 से 35 लाख रुपये का घाटा हुआ है।
कृपलानी ने बताया कि व्यापारियों की मुख्य मांगों में अवैध कब्जे खाली कराने, मार्किट फीस ई-बैंकिंग के अलावा चैक से लेने की सुविधा , नये शेडों में मौसमी कारोबारियों को जगह देने के अलावा मंडी की साफ-सफाई और कानून व्यवस्था प्रमुख है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों से एपीएमसी सालभर में सौ करोड रूपये मार्किट फीस लेती है । इसकी एवज में समिति प्रशासन पर आढ़तियों को माल बेचने की सुविधा कराने की जिम्मेदारी है।
हड़ताल की वजह से होने वाली दिक्कतों के लिये दिल्ली की जनता से खेद जताते हुए कृपलानी ने कहा कि इसके लिये पूरी तरह से दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। संघ के संयोजक अनिल मल्होत्रा ने कहा कि कारोबारियों को मजबूरन हड़ताल का फैसला लेना पड़ा। समिति प्रशासन नवनिर्मित शेडों में अपने चहेतों को बैठाना चाह रहा है। नये शेड बनाने के लिये जिन लोगों की जगह ली गयी थी प्रशासन उन शेडों से उन्हें बेदखल कर रहा है।
कृपलानी ने बताया कि हड़ताल में मंडी के 30 संघ शामिल है। हड़ताल में मंडी में कार्यरत मजदूर संगठनों के भाग लेने से आपूर्ति बिलकुल ठप हो गयी है। राजनीतिक स्वार्थ के कारण प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले रहा है और इसे लेकर मंडी में काम करने वाले सभी वर्गों में रोष है।
उन्होंने कहा कि हड़ताल लम्बी खिंची तो आने वाले दिनों में राजधानी में फल एवं सब्जियों की कीमतों में इजाफा हो सकता है और इसके लिये पूरी तरह समिति प्रशासन और दिल्ली सरकार जिम्मेदार होगी।


