यूपी बनेगा सेमीकंडक्टर हब, 20 हजार वेफर्स क्षमता वाली ओसैट यूनिट की जल्द शुरुआत
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को उत्तर प्रदेश में एक नई गति और दिशा मिलने जा रही है

- देवेंद्र सिंह
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र देश की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं का नया केंद्र बनने जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट के पास प्रस्तावित एचसीएल और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट यूनिट न केवल उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी, बल्कि भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को भी निर्णायक गति देगी। इस यूनिट की सबसे बड़ी विशेषता इसकी 20,000 सिलिकॉन वेफर्स प्रति माह की प्रोसेसिंग क्षमता है, जो इसे राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक महत्व की परियोजना बनाती है।
यीडा क्षेत्र में स्थापित होने वाली इस हाई-टेक यूनिट पर करीब 3706 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार जनवरी के मध्य में संभावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी के बाद परियोजना पर तेजी से निर्माण कार्य शुरू होगा। जेवर एयरपोर्ट, यमुना एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के कारण यह क्षेत्र पहले ही निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है, और अब सेमीकंडक्टर यूनिट से यीडा की औद्योगिक पहचान को नई ऊंचाई मिलने वाली है। इस ओसैट यूनिट में हर माह 20 हजार वेफर्स की प्रोसेसिंग की जाएगी। सेमीकंडक्टर उद्योग में वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला माना जाता है, जहां एक वेफर से तकनीक और डिजाइन के अनुसार सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार होती हैं। ऐसे में इस क्षमता का अर्थ है कि यीडा क्षेत्र से हर महीने लाखों से लेकर करोड़ों चिप्स के उत्पादन से जुड़ी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। संयंत्र में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। वर्तमान में इन चिप्स के लिए भारत को बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यीडा क्षेत्र में 20 हजार वेफर्स की नियमित प्रोसेसिंग से घरेलू सप्लाई चेन मजबूत होगी और आयात निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस निवेश-अनुकूल माहौल, मजबूत कानून-व्यवस्था और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम है कि यीडा क्षेत्र में एचसीएल और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियां निवेश के लिए आगे आई हैं। एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा के अनुसार, केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इस परियोजना को यीडा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। यह परियोजना केवल औद्योगिक निवेश नहीं, बल्कि यमुना सिटी को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन का अहम हिस्सा बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर भी विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि इस उच्च क्षमता वाली यूनिट के संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि 20 हजार वेफर्स प्रति माह की यह क्षमता यीडा को देश के उभरते सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने के साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक मजबूत स्थान दिलाएगी।
प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट समेत ऑटो और सौर ऊर्जा कंपनियों को जल्द मिलेगा प्लॉट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उड़ान के लिए तैयार होते ही यमुना सिटी को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट को जमीन आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसके साथ ही ट्रैक्टर उपकरण निर्माण और सौर ऊर्जा से जुड़ी बड़ी कंपनियों को भी भूमि देने की तैयारी है, जिसके लिए करीब 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
आने वाले कुछ दिनों में प्राधिकरण सेक्टर-28 में एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त उपक्रम वामा सुंदरी को 48 एकड़ भूमि आवंटित करेगा। यहां स्थापित होने वाली सेमीकंडक्टर यूनिट में करीब 3706 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग चार हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह परियोजना यमुना सिटी को हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में अहम मानी जा रही है। इसके अलावा सेक्टर-8डी में न्यू हॉलैंड कंपनी को 100 एकड़ भूमि आवंटित करने की तैयारी है। कंपनी यहां पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। वहीं, सेक्टर-10 में एस्कॉर्ट कुबोटा को 200 एकड़ भूमि दी जानी प्रस्तावित है, जहां ट्रैक्टर इंजन और अन्य ऑटो उपकरणों का निर्माण होगा। एस्कॉर्ट कुबोटा दो चरणों में करीब छह हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इन दोनों कंपनियों से क्षेत्र में पांच हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होने की संभावना है।


