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देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटी : शोभा करंदलाजे

देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6 प्रतिशत थी। यह जानकारी श्रम और रोगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे की ओर से सोमवार को दी गई

देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटी : शोभा करंदलाजे
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नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6 प्रतिशत थी। यह जानकारी श्रम और रोगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे की ओर से सोमवार को दी गई।

लोकसभा में एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्टों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति पर बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 5.1 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 5.2 प्रतिशत थी।

इसी अवधि के दौरान, ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 4.3 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 4.6 प्रतिशत थी और शहरी बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 6.7 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 6.8 प्रतिशत थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन के साथ-साथ रोजगार क्षमता में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार देश भर में, महाराष्ट्र सहित, सभी (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों सहित) की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं/कार्यक्रमों को लागू कर रही है।

इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), दीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई- एनयूएलएम), पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), स्टैंड-अप इंडिया स्कीम, स्टार्ट अप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शामिल हैं।

मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ, सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना नामक रोजगार-संबद्ध प्रोत्साहन योजना लागू की है। इस योजना का परिव्यय 99,446 करोड़ रुपए है और इसका लक्ष्य 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगारों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।

इसके अलावा, महिला श्रमिकों के लिए समान अवसर और अनुकूल कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हेतु श्रम कानूनों में कई सुरक्षात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में 26 सप्ताह के सवेतन मातृत्व अवकाश का प्रावधान और ऐसे प्रतिष्ठानों में जहां 50 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं वहां अनिवार्य क्रेच (डे-केयर) सुविधा का प्रावधान किया गया है।


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