पीएम सूर्य घर योजना के तहत उत्तर प्रदेश में हर दिन हो रहा 1,000 रूफटॉप सोलर सिस्टम का इंस्टॉलेशन : नरेंद्र भूषण
पीएम सूर्य घर योजना के तहत देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में हर दिन करीब 1,000 रूफटॉप सोलर सिस्टम का इंस्टॉलेशन किया जा रहा है

नई दिल्ली। पीएम सूर्य घर योजना के तहत देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में हर दिन करीब 1,000 रूफटॉप सोलर सिस्टम का इंस्टॉलेशन किया जा रहा है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नरेंद्र भूषण ने दी।
राष्ट्रीय राजधानी में रिन्यूएबल एनर्जी पर हुए एक कार्यक्रम के साइडलाइन में भूषण ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सोलर एनर्जी के लिए 22 गीगावाट का टारगेट तय किया गया है। प्रदेश की जनसंख्या 25 करोड़ हैं और 5 करोड़ से अधिक घर हैं और प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत हर दिन करीब 1,000 रूफटॉप सोलर सिस्टम का इंस्टॉलेशन किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों के लिए पीएम कुसुम सी2 योजना में हमने पांच वर्ष के लिए 4 लाख इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखा था, लेकिन पहले ही साल में 3.70 लाख इंस्टॉलेशन किए जा चुके हैं, जिसके कारण हमने इस टारगेट को हम दोगुना करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
भूषण ने कहा कि भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी और 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य रखा है। इसे पाने के लिए उत्तर प्रदेश भी पूरा ताकत के साथ प्रयास कर रहा है।
जुलाई के आखिर में सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों के दौरान सभी क्षेत्रों आवासीय, सरकारी, वाणिज्यिक और औद्योगिक, संस्थागत, सामाजिक और निजी प्रतिष्ठानों में कुल 15,206.68 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए गए हैं।
विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि सरकारी भवनों में रूफटॉप सोलर की स्थापना प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के घटकों में से एक है। साथ ही कहा, 30 जून तक देश में 242.78 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की जा चुकी है।
सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ावा देने और गति देने हेतु कई कदम और पहल की हैं।
राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू कर रही है, ताकि इन मॉड्यूल में गीगावाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की घरेलू विनिर्माण क्षमता हासिल की जा सके, जिस पर 24,000 करोड़ रुपए का व्यय होगा।


