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आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखीं, महंगाई दर का अनुमान घटाया

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की ओर से बुधवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) बैठक के फैसलों का ऐलान किया

आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखीं, महंगाई दर का अनुमान घटाया
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रेपो रेट 5.50% पर बरकरार, जीडीपी वृद्धि अनुमान बढ़ा

  • मौद्रिक नीति में स्थिरता, महंगाई में राहत के संकेत
  • महंगाई दर घटकर 2.6%, जीडीपी अनुमान 6.8% तक पहुंचा
  • अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भरोसा, आरबीआई ने नहीं बदली ब्याज दरें

मुंबई। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की ओर से बुधवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) बैठक के फैसलों का ऐलान किया। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेटो को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। साथ ही, मौद्रिक नीति के रुख को 'न्यूट्रल' रखा है।

रेपो रेट के अलावा, केंद्रीय बैंक ने स्टैंडिग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) 5.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।

इससे पहले अगस्त की एमपीसी बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। 2025 की शुरुआत से अब तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट को एक प्रतिशत कम कर चुका है, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के कारण महंगाई दर में कमी आ रही है। जीएसटी कटौती से अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार में तेजी आई है। हालांकि, टैरिफ के कारण निर्यात को लेकर चिताएं बनी हुई हैं।

केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त 3.1 प्रतिशत पर था।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया है।

आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।

साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही, केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रह सकती है।


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