लखनऊ के सीसीएस एयरपोर्ट का होगा विस्तार, अदाणी एयरपोर्ट्स 10 हजार करोड़ का करेगा निवेश
अदाणी एयरपोर्ट्स ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट (सीसीएस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) के विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है

अदाणी एयरपोर्ट्स का 10,000 करोड़ का निवेश, लखनऊ एयरपोर्ट बनेगा आधुनिक हब
- स्विंग ऑपरेशंस से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का एकीकृत संचालन
- 50 हजार मीट्रिक टन कार्गो क्षमता का लक्ष्य, नए इंटरनेशनल रूट्स की तैयारी
- आधुनिकीकरण और कला-संस्कृति के समावेश से यात्रियों को मिलेगा बेहतर अनुभव
- 42 नॉन-स्टॉप डेस्टिनेशन्स से जुड़ा लखनऊ एयरपोर्ट, विस्तार से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
लखनऊ। अदाणी एयरपोर्ट्स ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट (सीसीएस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) के विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है। अदाणी एयरपोर्ट्स के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी। यह निवेश कैपेसिटी एक्सपेंशन, आधुनिकीकरण, टेक्नोलॉजी को अपनाने और कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित होगा।
अदाणी एयरपोर्ट के अधिकारी के अनुसार, एयरपोर्ट का मकसद 'स्विंग ऑपरेशंस' के जरिए डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ट्रैफिक को एक ही सुविधा से मैनेज करना है, जो ट्रैफिक के बढ़ने पर निर्भर करेगा। यह आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी और कला-संस्कृति को बढ़ावा देगा, जिससे यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा।
अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा वक्त में लखनऊ एयरपोर्ट पर 7 एयरोब्रिज पूरी तरह से चालू हैं और यह एक वक्त में 15 विमानों की पार्किंग कर सकता है। ऐसे में लखनऊ का चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अब 31 डोमेस्टिक और 11 इंटरनेशनल रूट्स सहित 42 नॉन-स्टॉप डेस्टिनेशन्स से जुड़ा हुआ है।
अदाणी एयरपोर्ट्स पैसेंजर और कार्गो दोनों ऑपरेशन में बड़े विस्तार की योजना बना रहा है। कंपनी ने अगले पांच वर्षों में 50 हजार मीट्रिक टन की कार्गो क्षमता बनाने का टारगेट रखा है। इसके अलावा, मिडिल ईस्ट, वियतनाम, सिंगापुर और अन्य जगहों के लिए नए इंटरनेशनल रूट्स भी जोड़ने की तैयारी में है। मौजूदा समय में कुल यातायात में इंटरनेशनल पैसेंजर्स का योगदान करीब 19 प्रतिशत का है।
अदाणी एयरपोर्ट ने पहले ही एक नए टर्मिनल और ग्राउंडसाइट रोड बुनियादी ढांचे के लिए 2,401 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मौजूदा वक्त में इसकी पैसेंजर क्षमता हर साल 8 मिलियन यात्रियों की है। आगामी साल 2026-27 तक यह क्षमता बढ़कर 14 मिलियन तक हो जाएगी। इस फेज में 900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा।


