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मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते एफआईआई ने जून में भारतीय शेयर बाजार में निवेश किए 8,915 करोड़ रुपए

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस महीने (27 जून) तक भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट्स की ओर से दी गई

मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते एफआईआई ने जून में भारतीय शेयर बाजार में निवेश किए 8,915 करोड़ रुपए
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मुंबई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस महीने (27 जून) तक भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट्स की ओर से दी गई।

इस खरीदारी की वजह मजबूत अर्थव्यवस्था, ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष समाप्त होने के कारण ग्लोबल इक्विटी बाजारों के जोखिम कम होना और डॉलर की कमजोरी को माना जा रहा है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा,"डॉलर में गिरावट हमेशा उभरते हुए बाजारों के लिए अच्छी होती है।"

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने वित्तीय, पूंजीगत सामानों और रियल्टी शेयरों में खरीदारी की, जबकि एफएमसीजी, उपभोक्ता टिकाऊ और आईटी में बिकवाली की।

विश्लेषकों के अनुसार, एफआईआई की खरीदारी ने लार्जकैप शेयरों को मजबूती प्रदान की, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स 2025 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

इससे अलावा, जून में एफआईआई ने बॉन्ड बाजार में बिक्री जारी रखी और इस ट्रेंड के जारी रहने की संभावना है। इसकी वजह अमेरिका और भारतीय बॉन्ड के बीच यील्ड अंतर भी कम होना है।

विजयकुमार ने आगे कहा कि पर्याप्त तरलता और निवेशकों की सकारात्मक धारणओं में बाजार की इस तेजी को बनाए रखने की क्षमता है। हालांकि,उच्च मूल्यांकन प्रॉफिट बुकिंग को आकर्षित कर सकता है।

बीडीओ इंडिया के वित्तीय सेवा कर, कर और विनियामक सेवाओं में पार्टनर और लीडर मनोज पुरोहित के अनुसार, सेबी के नेतृत्व में देश के नियामक संस्थानों ने लगातार बाजार भागीदारी को गहरा करने, पारदर्शिता बढ़ाने और वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने के लिए अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से सुधारों को आगे बढ़ाया है।

पिछले सप्ताह बाजार में तेजी मध्य पूर्व में तनाव कम होने और एफआईआई प्रवाह में मजबूत उछाल के कारण आई थी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, "घरेलू मोर्चे पर, मानसून में प्रगति, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और स्थिर वैश्विक आर्थिक संकेतकों ने तेजी के रुझान को समर्थन दिया। एफआईआई प्रवाह में तेजी आई, एक ही दिन में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ, जिससे बाजार की धारणा और मजबूत हुई।"


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