टाटा ग्रुप के ट्रस्ट से भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा, कांग्रेस को सीमित फंडिंग, जानें किस दल को क्या मिला?
टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल ₹915 करोड़ का राजनीतिक चंदा वितरित किया

वित्त वर्ष 2024-25 में 915 करोड़ का राजनीतिक चंदा वितरित
- इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बीजेपी की फंडिंग मजबूत
- कांग्रेस और अन्य दलों को अपेक्षाकृत कम राशि, आय में गिरावट दर्ज
- 2018-19 से लगातार बीजेपी को ट्रस्ट से सबसे ज्यादा समर्थन
नई दिल्ली। टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल ₹915 करोड़ का राजनीतिक चंदा वितरित किया। इसमें से लगभग 83 प्रतिशत राशि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली, जबकि कांग्रेस को केवल 8.4 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड योजना समाप्त किए जाने के बावजूद बीजेपी की फंडिंग पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। पार्टी को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) से ₹757.6 करोड़, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से ₹150 करोड़, हार्मनी ट्रस्ट से ₹30.1 करोड़, ट्रॉयम्फ ट्रस्ट से ₹21 करोड़, जन कल्याण ट्रस्ट से ₹9.5 लाख और आइंजिगार्टिग ट्रस्ट से ₹7.75 लाख मिले।
कांग्रेस को अपेक्षाकृत कम राशि
कांग्रेस को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) से ₹77.3 करोड़, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से ₹5 करोड़ और जन कल्याण ट्रस्ट से ₹9.5 लाख प्राप्त हुए। इसके अलावा प्रूडेंट ट्रस्ट ने कांग्रेस को ₹216.33 करोड़ और AB जनरल ट्रस्ट ने ₹15 करोड़ दिए। हालांकि यह राशि 2023-24 में बॉन्ड से मिले ₹828 करोड़ की तुलना में काफी कम है।
अन्य दलों को सीमित फंडिंग
प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस वर्ष तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, बीजद, भारत राष्ट्र समिति, जेडीयू, डीएमके और एलजेपी-रामविलास को भी ₹10-10 करोड़ दिए। रिपोर्ट बताती है कि कई दलों की आय पिछले वर्ष की तुलना में घटी है, जिनमें टीएमसी, बीजद और बीआरएस की गिरावट सबसे अधिक रही।
2018-19 के लोकसभा चुनाव वर्ष में भी प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) ने बीजेपी को सबसे अधिक फंडिंग दी थी। उस समय कुल ₹454 करोड़ में से ₹356 करोड़ बीजेपी के हिस्से में गए थे।


