22 गांवों में झुलसा का प्रकोप धान की फसल खराब
पिछले वर्ष धान के उत्पादन पर इस बार जहां किसानों को बोनस मिलने की खुशी है, वहीं औसत के आसपास हुई बारिश से बेहतर फसल की उम्मीद बनी हुई थी, उस पर नजर लग गई है

कोरबा। पिछले वर्ष धान के उत्पादन पर इस बार जहां किसानों को बोनस मिलने की खुशी है, वहीं औसत के आसपास हुई बारिश से बेहतर फसल की उम्मीद बनी हुई थी, उस पर नजर लग गई है। दरअसल सहकारी बैंक कोरबी के अंतर्गत आने वाले 22 गांव में झुलसा का प्रकोप होने से धान की फसल खराब हो गई है।
किसानों को चिंता है कि ऐसे में अनाज का इंतजाम कैसे होगा तथा बैंक का कर्ज कैसे अदा होगा? पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में खेती को लेकर बना संकट टलने का नाम नहीं ले रहा है। अनुविभाग के परला, लमना, बनिया, कोरबी, सरमा, सिरमिना, सरभोंका सहित 22 से अधिक ग्रामों में खेती-किसानी के जरिए अपनी आजीविका सुनिश्चित करने वाले लोग कटाई से ठीक पहले दिक्कत में फंस गए है।
प्रतिनिधि ने बताया कि किसानों के खेतों में लगभग परिपक्व होने की स्थिति में पहुंच चुकी धान की फसल पर झुलसा की उपस्थिति हो गई है। इस बीमारी की चपेट में आने से धान की फसल प्रभावित हो गई है। अनेक स्थानों में धान की बालियां अपने मूल स्थान में होने के बजाय समाप्त होकर नीचे गिर रही हैं। ऐसे हालात ने किसानों को मायूस कर दिया है। कृषक नुरूल हसन और बचत बैंक के अध्यक्ष शीषपाल ने आसपास के किसानों से इस बारे में चर्चा की।
सभी ने एक जैसी समस्या बतायी और चिंता जतायी कि इस स्थिति में न तो फसल बेच सकते हैं और न ही बैंक सहित अन्य लोगों का कर्ज अदा किया जा सकता है। किसानों ने पोड़ी उपरोपड़ा के एसडीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपा। अपेक्षा की जा रही है कि प्रशासन स्तर पर किसानों की सहायता के लिए कोई रास्ता निकाला जाएगा। याद रहे पाली ब्लाक को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है जबकि पोड़ी उपरोड़ा के कई गांव इसकी जद में आने के बावजूद राहत की श्रेणी में नहीं आ सके हैं।


