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मप्र के बैतूल में कोरोना का कर्मवीर है बंटी अहाके

कारोना महामारी को लेकर हर कोई सजग है, सतर्कता बरत रहा है और लड़ाई लड़ रहा है।

मप्र के बैतूल में कोरोना का कर्मवीर है बंटी अहाके
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बैतूल | कारोना महामारी को लेकर हर कोई सजग है, सतर्कता बरत रहा है और लड़ाई लड़ रहा है। मध्यप्रदेश में अनगगिनत योद्धा कोरोना से लड़े रहे हैं, उन्हीं में से एक हैं बैतूल के बंटी अहाके, जो अब तक 216 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए भोपाल तक पहुंचा चुके हैं।

कोरोना मरीजों की पहचान खास जांच से हो पा रही है। भोपाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित चार स्थानों पर कोरोना नमूनों की जांच हो रही है। आसपास के जिलों से इन जांच केंद्रों को नमूने भेजे जाते हैं। बैतूल से संदिग्धों के नमूने भोपाल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एक निजी वाहन कंपनी के कर्मचारी बंटी अहाके पर है।

बंटी नियमित रूप से अकेले ही भोपाल एम्स तक लगभग 200 किलोमीटर का रास्ता तय करते हैं और नमूने देने के बाद वापस आकर अपने काम में लग जाते हैं।

नसीराबाद क्षेत्र में रहने वाले दिनेश अहाके के पुत्र बंटी अब तक 216 संदिग्ध मरीजों के नमूने जिला चिकित्सालय से लेकर एम्स भोपाल पहुंचा चुके हैं। उनके अंदर कोरोना के संदिग्ध मरीजों के नमूने ले जाने को लेकर किसी तरह का खौफ या चिंता नहीं है। वह तो मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने में लगे रहते हैं।

बैतूल से भोपाल के एम्स तक का सफर रोज कर रहे बंटी का कहना है, "जब कोरोना महामारी से डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सहित पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ रहे हैं तो मैं भी इस लड़ाई में अपना योगदान क्यों ना दूं। यही सोचकर मैंने भी प्रतिदिन जिला अस्पताल बैतूल से भोपाल कोरोना संदिग्ध मरीजों के नमूने पहुंचाना शुरू कर दिया। अब तक 216 संदिग्ध मरीजों के सैम्पल भोपाल एम्स पहुंचा चुका हूं।"

एक वाहन कंपनी में बतौर वाहन चालक काम करने वाले बंटी अहाके ने बताया कि वह जो गाड़ी चलाते हैं, वह स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर ली गई है। प्रतिदिन संदिग्ध मरीजों के नमूने चिकित्सकों द्वारा लिए जाते हैं और इन नमूनों को बोलेरो वाहन से भोपाल एम्स तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी होती है। शुरू में तो बंटी को थोड़ा डर लगा, मगर अब तो आदत हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग कोरोना से लड़ाई में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ को 'कोरोना योद्धा' की संज्ञा दे रहा है। वहीं सरकार भी कर्मचारियों का लाखों रुपये का बीमा कर रही है। यह पहल अच्छी है, मगर बंटी जैसे कई और लोग भी हैं जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, मगर कोरोना के कर्मवीर जरूर हैं। ऐसे लेाग अभी बीमा की परिधि में नहीं हैं। बंटी भी सरकार से अपेक्षा कर रहा है कि उसे भी बीमा की परिधि में लाया जाए।

कोरोना संदिग्धों के अब तक 40 से अधिक नमूने ले चुके जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद मालवीय का कहना है कि बंटी अहाके बड़ा ही संवेदनशील युवक है और पूरी जिम्मेदारी से संदिग्ध मरीजों के नमूने एम्स तक पहुंचा रहा है।


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