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बुंदेलखंड : लॉकडाउन की वजह से मप्र की सीमाएं सील, सड़कों पर सन्नाटा

कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रकोप की वजह से लागू हुए लॉकडाउन का पालन कराने के लिए बुंदेलखंड़ के सभी सात जिलों से लगी मध्य प्रदेश की सीमाएं गुरुवार को दूसरे दिन भी सील रहीं

बुंदेलखंड : लॉकडाउन की वजह से मप्र की सीमाएं सील, सड़कों पर सन्नाटा
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बांदा (उप्र)। कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रकोप की वजह से लागू हुए लॉकडाउन का पालन कराने के लिए बुंदेलखंड़ के सभी सात जिलों से लगी मध्य प्रदेश की सीमाएं गुरुवार को दूसरे दिन भी सील रहीं और यहां की सड़कों में सन्नाटा छाया रहा। पुलिस ने जरूरतमंद लोगों को विशेष परिस्थितियों में सड़क पर निकलने की इजाजत दी। वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री ने बुधवार से 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन घोषित किया है और इसका अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है।

इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सभी सात जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर के पुलिस प्रशासन ने मध्य प्रदेश की सीमा को बैरिकेड लगाकर सील कर दिया है। इन सीमाओं से वाहन तो छोड़िए, पैदल यात्री की आवाजाही पर भी रोक लगी है। लेकिन विशेष परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगों को इसपर मामूली ढील दी जा रही है।

बांदा के जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने बताया कि लोगों को रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली चीजों की खरीदारी के लिए सुबह कुछ छूट दी जा रही और जानबूझकर सड़क पर निकलने वाले को समझाया-बुझाया जा रहा।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पालन ही कोरोनावायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने का एक मात्र विकल्प है, जिसका सभी लोगों को पालन करना चाहिए।

ललितपुर के पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम. बेग ने बताया कि मध्य प्रदेश की सीमा को पूर्णरूप से सील कर दिया गया और लॉकडाउन के पालन के लिए सीमा पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है। उन्होंने बताया कि अखबार, दूध, दवाएं और सब्जी की दुकानें खोलने के लिए कुछ समय निश्चित है। किसी व्यक्ति को रोजमर्रा की चीजों से महरूप नहीं होना पड़ेगा।


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