बीआईएस मानक पर बनी बुलेटप्रूफ जैकेट से मिलेगी पूरी सुरक्षा : पासवान
सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों के लिए अब विदेशों से बुलेटप्रूफ जैकेट मंगाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि घरेलू कंपनियों ने उच्च गुणवत्ता से पूर्ण बेहतरीन बुलेटप्रूफ जैकेट बनाना शुरू कर दिया है

दिल्ली । सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों के लिए अब विदेशों से बुलेटप्रूफ जैकेट मंगाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि घरेलू कंपनियों ने उच्च गुणवत्ता से पूर्ण बेहतरीन बुलेटप्रूफ जैकेट बनाना शुरू कर दिया है, जिसका वजन पहले की जैकेट से 50 फीसदी कम है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शुकवार को यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक-इन इंडिया' पहल के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानकों पर बनाई जा रही ये जैकेट उच्च गुणवत्ता से पूर्ण हैं और पहले की जैकेट से काफी हल्की होने के साथ-साथ सस्ती भी है। उन्होंने कहा कि इस जैकेट से अब सुरक्षाकर्मियों को पूरी सुरक्षा मिलेगी।
उन्होंने कहा, "देश के सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ-साथ भारत से अब बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्यात भी होगा। इससे देश में रोजगार का सृजन होगा।"
बीआईएस के अधिकारियों ने बताया कि तय मानकों के आधार पर बनी ये जैकेट एके-47 जैसी असॉल्ट राइफल के हमलों से सुरक्षाकर्मियों की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग और गृह मंत्रालय के निर्देश पर बीआईएस ने बुलेटप्रूफ जैकेट के मानक तय किए हैं। इसके लिए मानक तय करने की प्रक्रिया की शुरुआत दिसंबर 2018 में ही हुई थी।
अधिकारियों ने बताया कि पहले बुलेटप्रूफ जैकेट में लोहे का उपयोग होता था, जिसके कारण इसका भार 20 किलोग्राम तक का होता था, लेकिन इसमें बोरोन कार्बाइड का इस्तेमाल होता है, जो काफी सख्त होता है और इसे बुलेट छेद नहीं कर सकता है। साथ ही, इस जैकेट का वजन अब अधिकतम 10 किलोग्राम है और इसमें लगे लोड डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम का उपयोग करने पर इसका वजन पांच किलोग्राम तक हो जाता है। एक जैकेट की कीमत 70,000-80,000 रुपये है।
उन्होंने बताया कि बीआईएस के मानकों पर निर्मित बुलेटप्रूफ जैकेट बनाए जाने से भारत अब इस मामले में यूके, अमेरिका और जर्मनी की केटेगरी में आ गया है।
किसी दुर्घटना की स्थिति में अगर, सुरक्षाकर्मियों को जैकेट जल्द उतारने की आवश्यकता हो तो वह एक झटके में सेकेंड भर में इसे अपने शरीर से अलग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जैकेट में छह स्तरीय सुरक्षा के मानक तय किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सेना के लिए तो बुलेटप्रूफ जैकेट के मानक पहले से तय थे, लेकिन अर्धसैनिक बलों और पुलिस के लिए इसका कोई मानक नहीं था।
उन्होंने बताया कि यह मुश्किल अब दूर हो गया है और भारत अब उच्च गुणवत्ता वाली बुलेटब्रूफ जैकेट दूसरे देशों को निर्यात करने की स्थिति में हैं। जैकेट बनाने वाली एक निजी कंपनी के अधिकारी ने अर्धसैनिक बलों को कुछ जैकेट मुहैया करवाई है।
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों के अलावा कानपुर की एक निजी कंपनी बीआईएस मानकों के आधार पर बुलेटप्रूफ जैकेट बना रही है।


