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दिवाली पर 'सांड की आंख' एक साहसिक कदम है : तापसी पन्नू

आ रही फिल्म 'सांड की आंख' के दो मुख्य कलाकारों में से एक तापसी पन्नू का कहना है कि फिल्म का दिवाली पर रिलीज होना सिनेमा के व्यवसाय में एक साहसिक और प्रगतिशील परिवर्तन को चिन्हित करती है

दिवाली पर सांड की आंख एक साहसिक कदम है : तापसी पन्नू
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मुंबई । आ रही फिल्म 'सांड की आंख' के दो मुख्य कलाकारों में से एक तापसी पन्नू का कहना है कि फिल्म का दिवाली पर रिलीज होना सिनेमा के व्यवसाय में एक साहसिक और प्रगतिशील परिवर्तन को चिन्हित करती है, क्योंकि इस तरह त्योहारों के दौरान आने वाले सप्ताहांत में मुख्य रूप से बॉलीवुड के पुरुष सुपरस्टारों का शासन रहा है।

तापसी ने स्टार के साथ चल रहे 21वें जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में आईएएनएस संग बात की और कहा, "महिला-प्रधान फिल्में इन दिनों अच्छा कर रही हैं, क्योंकि दर्शकों ने इस तरह की फिल्मों के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यह ('सांड की आंख') दो वयस्क महिलाओं (शॉर्पशूटर्स चंद्रो और प्रकाशी तोमर) की कहानी है। ऐसा दिवाली पर बहुत कम ही हुआ है, जिसमें मुख्यत: बॉलीवुड के पुरुष सितारों का वर्चस्व रहा है। निर्माताओं द्वारा 'सांड की आंख' जैसी किसी फिल्म को दिवाली पर रिलीज करना एक सशक्त कदम है। यह एक साहसिक और प्रगतिशील कदम है।"

जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल का समापन 25 अक्टूबर को 'सांड की आंख' के प्रीमियर के साथ होगा।

तापसी ने आगे कहा, "फिल्म साल की सबसे बड़ी तारीखों में से एक पर रिलीज हो रही है और यह दिवाली रिलीज दर्शकों के पसंद के अनुरूप होनी चाहिए। हालांकि सीमाएं धुंधली हो रही हैं और दर्शक हर तरह की फिल्मों का आनंद ले रहे हैं, दिवाली एक त्योहार है एवं हमें दर्शकों को कुछ देना भी चाहिए जो उत्सव के मूड को निर्धारित करती है। हमारी फिल्म में दर्शकों की जरूरतों को पूरी करने की क्षमता है।"

मामी जैसे फिल्म फेस्टिवल में क्रिटिक्स (फिल्म समीक्षकों) के लिए 'सांड की आंख' को दिखाए जाने को लेकर तापसी ने कहा, "एक अभिनेत्री होने के नाते, अपनी फिल्म को दर्शकों और फिल्म समीक्षकों को दिखाने के लिए मैं हमेशा से उत्साहित रही हूं। मैं खुशकिस्मत हूं कि ज्यादातर समय आलोचकों ने मेरे काम को पसंद किया है।"


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