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बिल्डरों को अब दस फीसदी बकाया राशि देने पर मिलेगा कंप्लीशन सार्टीफिकेट

बायर्स को जल्द से जल्द फ्लैट पर कब्जा दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कंप्लीशन सार्टीफिकेट जारी करने के नियम में शिथिलता प्रदान की है

बिल्डरों को अब दस फीसदी बकाया राशि देने पर मिलेगा कंप्लीशन सार्टीफिकेट
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ग्रेटर नोएडा। बायर्स को जल्द से जल्द फ्लैट पर कब्जा दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कंप्लीशन सार्टीफिकेट जारी करने के नियम में शिथिलता प्रदान की है। अब बिल्डरों को बकाया राशि का दस फीसदी पैसा जमा करने पर प्राधिकरण कंप्लीशन सार्टीफिकेट यानी अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करेगा। अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने पर बायर्स को फ्लैट की रजिस्ट्री करा कर कब्जा मिलने में सहूलियत मिलेगी।

प्राधिकरण के इस फैसले से बायर्स को काफी राहत मिली है। प्राधिकरण ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जहां स्थानांतरण शुल्क में दोगुना बढ़ोत्तरी की है वहीं ब्याज दरों में एक फीसदी की कटौती की है। औद्योगिक आबंटियों को लीजडीड व इकाई का निर्माण कार्य पूरा करने में भी राहत दी है। बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने पर प्राधिकरण मोहर लगा दी है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की शुक्रवार हुई 109 बोर्ड बैठक में ऐसे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है।

बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए प्राधिकरण के सीईओ देवाषीष पांडा ने बताया कि प्राधिकरण का बकाया राशि न जमा करने पाने के लिए बिल्डरों के प्रोजेक्ट को अधिभोग प्रमाण पत्र नहीं मिल पाते थे। इसका नुकसान बायर्स को उठाना पड़ रहा है। उन्हें फ्लैट पर समय से कब्जा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे मे प्राधिकरण ने निर्णय लिया कि बिल्डर अगर बकाया राशि का दस फीसदी पैसा जमा कर अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल कर सकते है। बाकी धनराशि नियमानुसार करनी होगी। यदि बिल्डर द्वारा दस टॉवर के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र लेने के लिए करता है तो उसे 50 प्रतिशत यानि पांच टॉवर का अस्थाई अधिभोग प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। पंजीकरण हेतु अधिभोग प्रमाण जारी टॉवरों में स्थित फ्लैटो से कुल बकाया का 65 फीसदी पैसा वसूला जाएगा।

जो प्रारंभ में दिए गए दस प्रतिशत के अतिरिक्त होगा। सीईओ ने बताया कि जिन बिल्डरों के प्रोजेक्ट फंसे हुए और वह निर्माण कार्य पूरा नहीं कर रहे और निवेशकों से पैसे लेने के बाद भी कब्जा नहीं दे रहे हैं। ऐसे बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट करने के लिए बोर्ड ने अनुमति दे दी है। ऑडिट निजी एजेंसी से कराया जाएगा। एजेंसी का चयन करने के लिए 24 सितंबर का निविदा निकाली जाएगी। तीन अक्टूबर को तकनीकी बिड खुलेगी।

प्राधिकरण ने पहले आबंटियों से 12 फीसदी ब्याज वसूला करता है और दो तीन फीसदी डिफाल्टर पर ब्याज वसूला किया जाता है। बोर्ड ने ब्याज दर में कटौती की है। 12 फीसदी के बजाय 11 फीसदी व तीन फीसदी के बजाय दो फीसदी ली जाएगी। सीईओ ने बताया कि औद्योगिक, संस्थागत व आईटी के आबंटियों को लीजडीड निस्पादन में राहत दी गई है। पहले आबंटियों को तीन मार्च 2017 तक भूखंड का लीजडीड कराने का समय दिया गया था अब उसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2017 कर दिया गया है। औद्योगिक सेक्टर इकोटेक'-11 के 309 आबंटियों को भी लीजडीडी व निर्माण कार्य पूरा करने में समय प्रदान किया गया है।

अब ये आबंटी 30 दिसंबर तक भूखंड का लीज डीड करा सकते है, जिन लोगों ने औद्योगिक इकाईयों का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है उन्हें 31 मार्च 2018 तक निर्माण कार्य पूरा करने का समय दिया गया है। सीईओ ने बताया कि आवासीय सेक्टर-दो व तीन के आबंटी भूखंड पर कब्जा न मिल पाने के कारण लीजडीड व निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पा रहे थे और उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

प्राधिकरण ने फैसला लिया है कि अब इन आबंटियों पर लीजडीड व निर्माण कार्य पूरा करने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण ने बकाया राशि वसूलने के लिए आबंटियों को आफर दिया है। अगर कोई आबंटी पूर्ण बकाया का जमा करता है तो उसे फीसदी पांच फीसदी, 15 फीसदी राशि जमा करने पर 3.5 फीसदी व 50 फीसदी राशि एक साथ जमा करने पर दो फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी।

जल्द मिलेगे किसानों को छह फीसदी भूखंड

सीईओ देवाषीष पांडा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को छह व दस फीसदी आबादी का भूखंड आबंटित किया जाता है। पिछले दो माह 2540 किसानों को आबादी का भूखंड आबंटित कर दिया गया है। अभी तक दो हजार किसानों को भूखंड नहीं मिल पाया है। इन किसानों को जल्द ही भूखंड दिया जाएगा। जमीन न उपलब्ध होने की दशा में प्राधिकरण किसी प्रयोजन के लिए ली गई जमीन को चिन्हित किया जाएगा और वहां पर किसानों को छह फीसदी आबादी का भूखंड आबंटित किया जाएगा।


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