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बिल्डरों के फंसे प्रोजेक्ट का ऑडिट अगले सप्ताह से हो जाएगा शुरू

 ग्रेटर नोएडा में करीब 82 बिल्डरों के प्रोजेक्ट फंसे है

बिल्डरों के फंसे प्रोजेक्ट का ऑडिट अगले सप्ताह से हो जाएगा शुरू
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में करीब 82 बिल्डरों के प्रोजेक्ट फंसे है। बिल्डर अपने प्रोजेक्ट का पूरा करने की स्थिति में दिख नहीं रहे हैं। ऐसे में शासन स्तर पर तीन सदस्यीय मंत्रियों की समूह ने ऐसे बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट करा कर रास्ते निकालने का आदेश दिया है।

बिल्डरों के प्रोजेट का ऑडिट करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन शुरू कर लिया है। अगले सप्ताह से एजेंसी बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट शुरू कर देगा। एजेंसी ऑडिट शुरू करने से पहले 82 बिल्डरों के प्रोजेक्ट के बारे में प्राधिकरण से पूरी जानकारी लेगा। बिल्डरों को कब भूखंड आबंटित किया है।

बिल्डरों को भूखंड आबंटित होने के बाद अभी तक उसने प्राधिकरण का कितने किश्ते का भुगतान किया है और उन पर कितना किश्त डिफाल्टर है। बिल्डरों ने अपने प्रोजेक्ट में कितने फ्लैट की बुकिंग है। बुकिंग के दौरान निवेशकों से लिया गया पैसा उसने कहां पर खर्च किया है। ऑडिट एजेंसी बिल्डर के प्रोजेक्ट का मौके पर जाकर भी जांच करेगी। इस दौरान एजेंसी दखेगी कि बिल्डर के प्रोजेक्ट की मौके पर स्थिति क्या है, अभी तक उसने कितना निर्माण किया है। निर्माण कार्य पर कितना पैसा खर्च किया है। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कब से बंद हुआ है। बिल्डर की वित्तीय स्थिति का आंकलन भी एजेंसी करेगी।

बिल्डरों के प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान देखा जाएगा कि बिल्डर प्रोजेक्ट का पूरा करने की स्थिति में है या नहीं है। अगर बिल्डर प्रोजेक्ट का पूरा नहीं कर पाता है, उसका किससे रास्ता निकाला जाए कि प्रोजेक्ट का पूरा करने के लिए अगर किसी दूसरे किसी को दिया जाता है उससे बिल्डर का बकाया राशि का भुगतान करने व निर्माण कार्य पूरा करने पर कितना पैसा खर्च होगा।

साथ ही बिल्डरों ने जिन निवेशकों को पैसा लिया है उसका बिल्डर से ब्याज के साथ कैसे वापस कराया जाए। ऑडिट एजेंसी बिल्डरों के प्रोजेक्ट की पूरी समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सौंपेगी। इसके बाद प्राधिकरण इस पर कोई निर्णय लेगा।

प्राधिकरण की सीएजी ऑडिट को लेकर नोडल अधिकारी नियुक्ति

शासन ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की सीएजी ऑडिट कराने का फैसला लिया है। कैग की तरफ से तीनों प्राधिकरणों से 2012-2013 में बजट खर्चें को लेकर किए गए प्रावधान का पूरा ब्यौरा तलब किया थां हालांकि ग्रेनो प्राधिकरण की तरफ से कैग को अभी यह ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

कैग ने तीनों प्राधिकरण में जांच को लेकर नोडल अधिकारी नियुक्ति कर दिया है। ग्रेनो प्राधिकरण ने महाप्रबंधक वित्त एचपी वर्मा को नोडल अधिकारी बनाया है। इसी तरह यमुना एक्सप्रेस-वे में उपमहाप्रबंधक वित्त विषंभर झा को नोडल अधिकारी बनाया है। कैग अब इन नोडल अधिकारी से प्राधिकरण की सपा व बसपा शासकाल में हुए खर्चे की पूरी फाइल तलब करेगी। कैग की जांच से तीनों प्राधिकरणों में हड़कंप मचा है।


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