तीन हजार फ्लैटों के अधिभोग प्रमाण के लिए बिल्डरों ने किया आवेदन
दिसम्बर में खरीदारों का सपना सच होगा या नहीं इसका जिम्मेदार कौन होगा यह सवाल अब कायम है

नोएडा। दिसम्बर में खरीदारों का सपना सच होगा या नहीं इसका जिम्मेदार कौन होगा यह सवाल अब कायम है। बिल्डर मनमानी कर रहे है। प्राधिकरण बैठक लेकर कार्य को इतिश्री मान रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री की मंशा 50 हजार फ्लैट खरीदार को आशियाना देना है।
नोएडा अधिसूचित क्षेत्र के बिल्डरों को 12500 फ्लैट देने है। जिसमें 5771 फ्लैटों के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। 3000 फ्लैटों के लिए बिल्डरों ने प्राधिकरण में अधिभोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। इनकी कागजी जांच की जा रही है। वहीं, 3729 फ्लैटों के लिए किसी बिल्डर ने आवेदन नहीं किया। सात से आठ सालों से बिल्डर खरीदार को बहाने बनाकर टरकाता आ रहा है। सत्ता परिवर्तन के बाद बिल्डरों पर नकेल कसते हुए शासन ने खरीदार को फ्लैट देने के लिए कहा। पहला लक्ष्य 50 हजार फ्लैट खरीदारों का तय किया गया। 30 दिसम्बर इसकी अंतिम तारीख है।
ऐसे में 12500 फ्लैट नोएडा व बाकी के अधिकांश फ्लैट ग्रेटरनोएडा व यमुना को दिए जाने है। अप्रैल-2017 से अब तक नोएडा प्राधिकरण द्वारा 5771 फ्लैटों के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। वहीं, चार बिल्डर ने सेटलमेंट पॉलिसी के तहत कुल 50 करोड़ रुपए प्राधिकरण में जमा किए। वतर्मान में कुल 3000 फ्लैटों के अधिभोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। इसमे 10 बिल्डरों के फ्लैट है। इन फ्लैटों के लिए जमा किए कागजों की जांच की जा रही है साथ ही बुनियादी सुविधाओं के लिए निरीक्षण किया जा रहा है।
प्रपोजल से चूक रहा प्राधिकरण
प्राधिकरण ने मंत्रियों की समिति की बैठक में कुल 12500 फ्लैटों का प्रपोजल रखा था। आवेदन व अधिभोग जारी होने के बाद 3729 फ्लैटों के लिए किसी भी बिल्डर ने अधिभोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं किया है। ऐसे में लक्ष्य पूरा कर पाना चुनौती पूर्ण है। फिलहाल बिल्डर के साथ प्रतिदिन बैठक की जा रही है साथ ही उनकी प्रगति रिपोर्ट देखी जा रही है।
कहा गए सात बिल्डर नहीं किया आवेदन
मंत्रियों की समिति की बैठक से पहले प्राधिकरण अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ बैठक की थी। जिसमे कुल 39 बिल्डर पहुंचे। इन बिल्डरों में 17 बिल्डरों ने अपना पूरी प्लान रखा। जिसमे 12500 फ्लैटों का पूरा खांचा तैयार किया गया।


