बिल्डर ने एक माह में की नौ करोड़ की खरीदारी
वाणिज्य कर विभाग में फर्जी फर्म से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया ........
गाजियाबाद। वाणिज्य कर विभाग में फर्जी फर्म से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। इंदिरापुरम के एक बिल्डर फर्म पर एक बंद फर्म के कागजों से एक माह में नौ करोड़ की खरीद दिखाकर फर्जी करने का आरोप है। विभाग ने बिल्डर के इस फर्जीवाड़े की जांच विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) को सौंपी है। इंदिरापुरम के एक बिल्डर कंपनी के फर्जीवाड़े का उजागर रिटर्न पत्रावली से हुई है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि बिल्डर फर्म द्वारा एक माह में नौ करोड़ की खरीदारी दिखाई गई है। खरीदारी में जिस फर्म का बिल लगाया गया है, उस नाम की विभाग में कोई फर्म अस्तित्व में नहीं है।
इस तरह बिल्डर फर्म करोड़ों की खरीदारी पर लाखों की कर चोरी की गई। वाणिज्य कर के अपर आयुक्त एके गुप्ता ने बताया कि इंदिरापुरम की एक बिल्डर कंपनी द्वारा एक माह में एक फर्म से 9 करोड़ की खरीदारी दिखाई गई है। विभाग में खरीदार फर्म पंजीकृत नहीं है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि विभाग ने फर्जीवाड़े के आरोप में पहले ही उस फर्म का पंजीयन निरस्त कर दिया है। गुप्ता ने बताया कि इस मामले में विशेष अनुसंधान शाखा से जांच कराई जा रही है।
जांच में दोषी मिलने पर बिल्डर फर्म पर कर लगाकर दंड वसूला जाएगा। कई और फर्में है निशाने पर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कई और फर्में विभाग के निशाने पर हैं।
लोहा मंडी, मेरठ रोड, इंदिरापुरम क्षेत्र की दर्जनों फर्मों के अलावा कुछ ट्रांसपोर्ट कंपनियां की जांच चल रही हैं। कई फर्मों की एसआईबी जांच कराई गई।
सभी सहायक आयुक्तों और वाणिज्य कर अधिकारियों को बिल परचे का काम करने वाले फर्मों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। ऐसी फर्मों के मालिक दूसरी कंपनी को बिल देकर कमाई करती है। विभाग द्वारा समय-समय पर सर्वे करके ऐसी फर्मों का पंजीयन निरस्त कराया जाता है।नौ करोड़ की खरीदारी


