बिल्डर ने एक ईंट रखी नहीं, कागजों में दे दिया कब्जा
ओरिस ग्रीन-वे बिल्डर ने साइट पर निर्माण कार्य के लिए एक ईंट भी नहीं रखी और कागजों में निवेशकों को फ्लैट व भूखंड पर कब्जा दे दिया
ग्रेटर नोएडा। ओरिस ग्रीन-वे बिल्डर ने साइट पर निर्माण कार्य के लिए एक ईंट भी नहीं रखी और कागजों में निवेशकों को फ्लैट व भूखंड पर कब्जा दे दिया। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में बिल्डर व निवेशकों का जब आमना सामना हुआ तो बिल्डर की पूरी पोल निवेशकों ने खोल कर रखी।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरूणवीर सिंह ने जब बिल्डर के प्रतिनिधि से जवाब-तलब करना शुरू किया तो उनकी बोलती बंद हो गई और कोई भी जवाब देते नहीं बना। सीईओ ने बिल्डर को साफ तौर से चेतावनी दी कि अगर 31 मई तो उसने फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा कर कब्जा देने की तिथि निर्धारित नहीं की तो उसका आबंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास ने बिल्डर ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत ओरिस ग्रीन-वे बिल्डर को सेक्टर-22 डी में 100 एकड़ भूखंड सितंबर 2012 में आबंटित किया था। बिल्डर ने यहां पर भूखंड व फ्लैट की योजना लांच की थी।
करीब चार सौ निवेशकों ने भूखंड और 300 निवेशकों ने फ्लैट बुक कराया था। बिल्डर भूखंड के निवेशकों को बुकिंग के 18 माह के बाद कब्जा देने का आश्वासन दिया था। इसी तरह फ्लैट के निवेशकों को 2015 में फ्लैट पर कब्जा देने की बात कही थी।
निवेशकों ने 40 से लेकर 85 फीसदी तक पैसा जमा कर दिया है लेकिन अभी तक बिल्डर ने फ्लैट निर्माण के लिए एक ईंट भी नहीं रखी है। बिल्डर ने निवेशक व प्राधिकरण को भी अंधेरे में रखा हुआ था।
मंगलवार को प्राधिकरण ने जब निवेशकों व बिल्डर को आमने-सामने बैठाकर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी की तो बिल्डर की पूरी पोल खुल गई। निवेशकों ने कहा कि बिल्डर दीपावली मेला के नाम पर भूखंड पर कब्जा देने की बात कही है जबकि आज तक एक भी भूखंड पर कब्जा नहीं मिल पाया।
बिल्डर को मौके पर कोई साइट ऑफिस भी नहीं है। निवेशक जब बिल्डर से अपना पैसा वापस मांगते है तो उन्हें धमकी दी जाती है कि पैसा वापस नहीं किया जाएगा वे चाहे जो भी कर ले। सीईओ ने जब बिल्डर के प्रतिनिधि से पूछा कि भूखंड पर कब्जा क्यों नहीं दिया, इस पर बिल्डर ने जवाब दिया कि जल्द ही कब्जा दिया जाएगा इसकी तैयारी कर ली गई।
सीईओ ने जब पूछा कि बिजली, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई तो बिल्डर की तरफ से कहा गया कि सारी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी है, बिजली का कनेक्शन भी मिल गया। बिल्डर तब खुली जब सीईओ ने कहा कि बिजली का कनेक्शन कहा से मिल गया।
इस पर उसे जवाब देते नहीं बना। सीईओ ने बिल्डर को साफ तौर से कहा कि या तो निवेशकों का पैसा वापस करे या फिर बताए कि कब तक भूखंड व फ्लैट पर कब्जा देगा। इसके लिए बिल्डर को शपथ पत्र देना होगा। साथ ही कहा कि निवेशक 27 मई को मौके पर जाकर साइट का निरीक्षण कर सकते है, इस दौरान प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
निदेशक स्तर पर होगी बिल्डर से वार्ता
ओरिस ग्रीन-वे बिल्डर ने प्राधिकरण व निवेशकों से वार्ता के लिए प्रबंधक स्तर के दो प्रतिनिधि को भेज रखा था। सीईओ ने प्रोजेक्ट के बारे में जवाब तलब करना शुरू किया तो वे जवाब नहीं दे पा रहे थे। इस पर सीईओ ने कहा कि अब उसी बिल्डर के साथ वार्ता होगी जब उनके निदेशक मौजूद होंगे अगर निदेशक बैठक में नहीं आएंगे तो निवेशकों को लेकर उनके घर जाकर बैठक करेंगे।


