बिना सेस जमा किए बिल्डर प्राधिकरण से नहीं हासिल कर सकेगा अधिभोग प्रमाण पत्र
बिना सेस जमा किए बिल्डर प्राधिकरण से अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर सकेंगे
नोएडा। बिना सेस जमा किए बिल्डर प्राधिकरण से अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर सकेंगे। सेस जमा करने के बाद बिल्डर को श्रम विभाग द्वारा एनओसी मिलेगी। जिसके बाद ही बिल्डर प्राधिकरण में आवेदन कर सकते है। श्रम विभाग में 100 बिल्डर पंजीकृत है। लेकिन अधिकांश बिल्डरों का सेस अब भी श्रम विभाग में बकाया है। निवेशक, बिल्डर, प्राधिकरण व प्रशासन के बीच मकान व पैसों को लेकर जिरह जारी है।
इस समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है। आश्वासनों के तले निवेशक अपने को ठगा महसूस कर रहा है। बिल्डर को राहत देते हुए प्राधिकरण ने अधिभोग प्रमाण पत्र की पॉलिसी में बदलाव किया। जिसके तहत बिल्डर कुल बकाया का 10 प्रतिशत जमा कर अस्थाई अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल कर सकता है। लेकिन यह प्रमाण पत्र तब मिलेगा जब बिल्डर मकानों में सभी सुविधाएं निवेशकों को दे। यह तो प्राधिकरण की शर्त है। लेकिन एक बड़ा मामला लेबर सेस का भी है। अधिभोग हासिल करने के लिए बिल्डर को कई विभागों से एनओसी चाहिए।
जिसमे फायर के अलावा श्रम विभाग महत्वूर्ण है। श्रम विभाग तभी एनओसी जारी करेगा। जब बिल्डर द्वारा लेबर सेस जमा कराया जाएगा। सूत्रों की माने तो 100 बिल्डर में करीब 70 प्रतिशत बिल्डरों का अभी तक श्रम विभाग में सेस बकाया है। हालांकि अधिकारियों की माने तो बिल्डर साल में कभी भी सेस जमा कर सकता है। यदि वह कई साल लगातार सेस जमा नहीं करता। ऐसे स्थिति में आरसी जारी कर संपत्ति की कुर्की कर सेस वसूल किया जाता है। यह नौबत आम्रपाली के साथ हो चुकी है।
जहा आम्रपाली के निदेशकों को गिरफ्तार कर करीब 4 करोड़ रुपए सेस की रिकवरी की गई थी। ऐसे में वह बिल्डर जिनका निर्माण कार्य तक बंद हो चुका है। वह सेस कहा से जमा करे इसको लेकर श्रम विभाग की चिंता बढ़ती जा रही है। जल्द विभाग द्वारा कुछ और बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी की जा सकती है।
एक एक्शन से 25 करोड़ मिला सेस
आम्रपाली के खिलाफ श्रम विभाग का एक्शन रंग लाया। एक्शन के बाद से अब तक करीब 25 करोड़ रुपए सेस बिल्डरों द्वारा श्रम विभाग में जमा किया जा चुका है। रिकवरी का काम निरंतर जारी है। बावजूद इसके कई ऐसे बिल्डर है जो सेस जमा करने में आनाकानी कर रहे है। इन सभी से रिकवरी के लिए आरसी जारी होगी।


