17 फरवरी से शुरू होगा हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र
दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में शुक्रवार को हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक हुई

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में शुक्रवार को हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य के बजट सत्र समेत कई विषयों पर चर्चा हुई और कैबिनेट द्वारा कुछ फैसले लिए गए। इस दौरान मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा का बजट सत्र आगामी 17 फरवरी को बुलाने का निर्णय भी लिया। मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए सरकारी भूमि के अंतर विभागीय हस्तांतरण के संबंध में श्रेष्ठ पद्घतियों का अध्ययन करने के लिए मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया।
इस तीन सदस्यीय समिति में राज्य के बिजली मंत्री शरणजीत सिंह, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और पुरातत्व एवं संग्रहालय राज्य मंत्री अनूप धानक शामिल होंगे। राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह को इस समिति का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
यह समिति सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए सरकारी भूमि के अंतर विभागीय हस्तांतरण के लिए विधियां तैयार करने के साथ ही अन्य राज्यों में अपनाई जा रही पद्घतियों का अध्ययन भी करेगी और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।
मंत्रिमंडल की इस बैठक में हरियाणा सरकार ने माउंट एवरेस्ट सहित विश्व की 10 सबसे ऊंची पर्वत चोटियों की चढ़ाई करने वाले प्रदेश के पर्वतारोहियों के लिए एक नीति लागू करने का निर्णय भी लिया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पर्वतारोहियों को पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार और ग्रेड-सी खेल श्रेणीकरण प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिससे उन्हें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
अन्य फैसलों में ग्रुप-बी (आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी, यूनानी चिकित्सा अधिकारी, होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी) के पदों को हरियाणा लोकसेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस समय ग्रुप-बी के कुल 203 (आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी-175, यूनानी चिकित्सा अधिकारी-आठ, होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी-18 और आयुर्वेद/यूनानी रेजिडेंट फिजीशियन-चार) पद रिक्त हैं। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाए जाने के लिए यह पद तुरंत भरे जाने की आवश्यकता है। इन पदों को तुरंत भरे जाने की आवश्यकता के मद्देनजर ग्रुप-बी के इन पदों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखना आवश्यक हो गया है।


