जन-जन व हर क्षेत्र के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित बजट : जयराम
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा की अमृत काल का पहला आम बजट 2023-24 एक लोक-कल्याणकारी और देश के विकास के प्रति समर्पित दूरदर्शी बजट है

शिमला। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा की अमृत काल का पहला आम बजट 2023-24 एक लोक-कल्याणकारी और देश के विकास के प्रति समर्पित दूरदर्शी बजट है। यह गाँव, गरीबों, किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। यह ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है।
श्री ठाकुर ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। यह बच्चों की पढाई, मध्यम वर्ग की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर बल देने वाला बजट है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सर्व-स्पर्शी, सर्व-समावेशी एवं देश के जन-जन और हर क्षेत्र के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण एवं उनकी पूरी टीम को अपनी ओर से एवं पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से बधाई और उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।
उन्होंने कहा आम बजट 2023-24 का एजेंडा नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना। इस बजट की सात अर्थात सप्तर्षि प्राथमिकताएं हैं समावेशी विकास, लास्ट माइल डिलीवरी, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र की मजबूती। यह महज वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है।
इस बजट के माध्यम मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है। अब नौकरी पेशा लोगों को सात लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विकास मिशन शुरू किये जाने का निर्णय नरेन्द्र मोदी सरकार की आदिवासी विकास के प्रति गंभीरता को दिखाता है। इस योजना के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है जिससे च्ठज्ळ बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाना और अगले तीन साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये और अगले तीन साल तक एक करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे जो कि एक स्वागत योग्य कदम है। युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पीएम कौशल विकास योजना 4.0 की घोषणा सर्वथा स्वागतयोग्य कदम है। इसके तहत देश भर में 40 स्किल इंडिया सेंटर्स स्थापित किये जायेंगे जो युवाओं के कौशल में और निखार लाएगा और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा।
श्री ठाकुर ने कहा कि महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने के निर्णय को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स एकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट को भी 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए करने का निर्णय भी एक अच्छी पहल है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। ये योजनायें महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
वर्ष 2023-24 का आम बजट ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य का आधार है। नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। सरकार का 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है।
उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है जो कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय के 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है जो 2019-20 की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है। राज्यों को मिलने वाले इंटरेस्ट-फ्री लोन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में पीएम आवास योजना का बजट बढ़ कर 69 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है। पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाती है जो गरीबों के लिए कितनी संवेदनशील है। कोरोना संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे वैश्विक संकट के बावजूद देश के बजट का आकार बढ़ाकर 45 लाख करोड़ रुपये करना भारत की तेज़ी से बढती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।


