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दशहरा पर राजधानी में बौद्ध समाज ने निकाली शोभायात्रा

राजधानी के गांधी मैदान में आज चक्रवर्ती सम्राट अशोक विजयदशमी समारोह पुरखा के सुरता आयोजन किया गया

दशहरा पर राजधानी में बौद्ध समाज ने निकाली शोभायात्रा
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रायपुर। राजधानी के गांधी मैदान में आज चक्रवर्ती सम्राट अशोक विजयदशमी समारोह पुरखा के सुरता आयोजन किया गया।

हम भारत के लोग सामाजिक संगठन के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ की धरती में अखण्ड भारत के सम्राट अशोक की याद में विजयदशमी समारोह गांधी मैदान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ आंबेडकर चौक से गांधी मैदान तक सैकड़ों की संख्या में राजधानी के प्रबुद्ध नागरिकों ने शोभायात्रा निकाली, शोभायात्रा में सम्राट अशोक अमर रहे, चंद्रगुप्त अमर रहे, बिम्बसार अमर रहे,....नारा लगा रहे थे।

दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक गांधी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रबोधन का कार्यक्रम रखा गया।

कार्यक्रम में बसपा के पूर्व विधायक दुजराम बौद्ध, विजय सेंड, रामकृष्ण जांगड़े, अखिलेश एडगर, रघु नन्दन साहू, विष्णु बघेल, गोल्डी जार्ज, सुनील गनवीर, भुनेश्वर साहेब, नीरा देवी, दुजकुमार भास्कर, राजू खूंटे, नरेश साहू, कात्यायनी देवी, अग्निश देव, रतन गोंडाने, डॉ रमेश सुखदेवे, विनिका दुर्गम, , सीबी कुशवाहा, संजू कुशवाहा, जितेंद्र सोनकर, अजय चौहान,नागेश कुशवाहा, भंजन जांगड़े ,मुकुंद बंछोड़,भीम आर्मी एवं समता सैनिक दल के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

विष्णु बघेल ने कहा कि सम्राट अशोक के शासन काल में भारत सोने की चिडिय़ा, विश्व गुरु बन कर पुरी दुनिया में बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार किया। चन्द्रगुप्त मौर्या से लेकर बृहद्रथ मौर्य तक मौर्य साम्राज्य के 10 राजाओं के लगभग 150 सालों के काल मे बुद्ध धर्म देश और दुनिया में फैला । उन्होंने कहा आज ऐतिहासिक दिन है चक्रवर्ती सम्राट अशोक विजय दशमी समारोह का आगाज की शुरुवात आज छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से किया गया।

भारत देश में आज समाज में फैली असमानता व ऊँच नीच के भेदभाव को खत्म कर विश्व बंधुत्व की भावनाओं को अंगीकार करें। हमें बुद्ध के विचारधारा को फैलाने का कार्य करते रहना हैं। भ्रम और पाखंड का बहिष्कार करना चाहिए। सत्य अपने आप में अकेला होता है। महापुरुषों के जीवन से मिलने वाले ज्ञान से ही प्रकाश मिलेगा।

दुजराम बौद्ध ने बताया कि आज के दिन सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध जीतने के 10 वें दिन के बाद बुद्ध धम्म अपनाया था और बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने भी नागपुर में विजय दशमी के दिन बुद्ध धम्म का दीक्षा ग्रहण किया था।

कार्यक्रम का शुभारंभ तिथियों के द्वारा सम्राट अशोक महान के छाया चित्र पर माल्यार्पण करके कैंडल जलाकर किया गया। बिनिका दुर्गम द्वारा कार्यक्रम के शुरुआत में संविधान के प्रस्तावना का वाचन और संविधान का रक्षा करने का संकल्प दिलाकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेश साहू ने किया और आभार प्रदर्शन संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के मुख्य संयोजक एडवोकेट रामकृष्ण जांगड़े ने किया। सम्राट अशोक महान का विजयादशमी का यह उत्सव छत्तीसगढ़ में प्रथम बार बड़े धूमधाम से मनाया गया।


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