Top
Begin typing your search above and press return to search.

आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं का जवाब बुद्ध का शांति संदेश : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं का जवाब बुद्ध का शांति संदेश है

आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं का जवाब बुद्ध का शांति संदेश : मोदी
X

कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं का जवाब बुद्ध का शांति संदेश है। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 14वें अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में यहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "आज सतत विश्व शांति की राह की सबसे बड़ी चुनौती देशों के बीच संघर्ष से नहीं उपजी है।" वेसाक दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति तथा उनके महापरिनिर्वाण के संदर्भ में मनाया जाता है।

उन्होंने कहा, "सतत विश्व शांति की सबसे बड़ी चुनौती वह मानसिकता है, जिसकी जड़ों में घृणा तथा हिंसा बसी हुई है।"

श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस की पहली बार मेजबानी कर रहा है। इस साल के समारोह का थीम समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद का खतरा इसी विध्वंसक मानसिकता की ठोस अभिव्यक्ति है।

उन्होंने कहा, "दुख की बात है कि हमारे क्षेत्र में ये विचारधाराएं और उनके समर्थक बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं और इसलिए उनकी वजह से केवल मौतें और विनाश हो रहा है।"

मोदी ने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि पूरी दुनिया में हिंसा की बढ़ती घटनाओं का उत्तर बुद्ध का शांति संदेश है।"

प्रधानमंत्री ने संघर्ष की अनुपस्थिति द्वारा पारिभाषित शांति की नकारात्मक धारणा की नहीं, बल्कि एक सकारात्मक शांति की धारणा की उम्मीद जताई, जिसके तहत हम बाचतीत, सौहार्द्र व न्याय के लिए काम करेंगे, जो क्षमा तथा विवेक पर आधारित होगा।

यह उल्लेख करते हुए कि भारत तथा श्रीलंका के बीच मित्रता भगवान बुद्ध के समय से है, उन्होंने कहा, "बौद्ध धर्म हमारे संबंधों में हमेशा ऊर्जा भरता है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कोलंबो तथा वाराणसी के बीच एक सीधी विमान सेवा की घोषणा की। बुद्ध ने वाराणसी में अपना पहला उपदेश दिया था।

उन्होंने कहा, "वाराणसी तक सीधी विमान सेवा से श्रीलंका के मेरे भाई-बहनों को बुद्ध की भूमि तक पहुंचने में आसानी होगी और सीधे श्रावस्ती, कुशीनगर, संकासा, कौशांबी तथा सारनाथ पहुंचने में मदद मिलेगी।" मोदी ने कहा, "इससे मेरे तमिल भाई-बहन भी काशी विश्वनाथ की भूमि वाराणसी का दौरा करने में सक्षम होंगे।"

यह उल्लेख करते हुए कि भारत श्रीलंका की आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने कहा, "हम अपने विकास सहयोग को और गहरा करने को लेकर हम सकारात्मक बदलाव लाने तथा आर्थिक विकास के लिए निवेश जारी रखेंगे।"

उन्होंने परस्पर लाभ के लिए भारत तथा श्रीलंका के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी तथा विचारों के मुक्त प्रवाह का आह्वान किया।

मोदी ने कहा, "भारत के तेजी से विकास से समस्त क्षेत्र लाभ उठा सकता है, खासकर श्रीलंका। बुनियादी ढांचा व संपर्क, परिवहन तथा ऊर्जा के क्षेत्र में हम हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए कटिबद्ध हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारी विकासात्मक साझेदारी कृषि, स्वास्थ्य, पुनर्वास, परिवहन, विद्युत, संस्कृति, जल, आवास, खेल तथा मानव संसाधन सहित मानवीय गतिविधियों के हर क्षेत्र में है।"

मोदी ने यह भी कहा कि भारत का श्रीलंका के साथ विकास सहयोग 2.6 अरब डॉलर का है। प्रधानमंत्री ने कहा, "इसका एकमात्र उद्देश्य श्रीलंका का सहयोग करना है, ताकि वह अपने लोगों के एक शांतिपूर्ण, समृद्ध व सुरक्षित भविष्य का सपना साकार करे।" श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के आमंत्रण पर मोदी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर कोलंबो पहुंचे। साल 2015 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह दूसरा श्रीलंका दौरा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it