बीयू की परीक्षा मई में, कालेजों में कोर्स अधूरे
बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के पजी कक्षाओं के सेकेण्ड सेमेस्टर एक्जाम मई से होने वाली है...

बिलासपुर। बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के पजी कक्षाओं के सेकेण्ड सेमेस्टर एक्जाम मई से होने वाली है। जिसमें 64 कालेजों के परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं परीक्षा के लिए 54 परीक्षा केंद्र बनाए गये हैं। जिसमें 5600 परीक्षार्थी शामिल होंगे। लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमेस्टर परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसका मुख्य वजह यह है कि सभी पीजी कालेजों में साल भर न तो कक्षाएं लगाई गयी है और न ही पूरे कोर्स कंप्लीट कराये गये हैं। इसका दूरगामी परिणाम फर्स्ट सेमेस्टर के रिजल्ट में देखने को मिल चुका है।
बिलासपुर विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा के लिए 100700 छात्रों ने रजिस्टे्रशन कराया था। जिनमें फर्स्ट सेमेस्टर में 5600 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षाएं दी है। बिलासपुर विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों में 64 कालेजों में पीजी के कोर्स संचालित है। जिसके लिए सेकेण्डर सेमेस्टर के लिए 54 परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने बनाये हैं।
बिलासपुर विश्वविद्यालय द्वारा इस सत्र से पीजी कक्षाओं में सेमेस्टर एक्जाम लागू किये गये हैं।
सेमेस्टर प्रणाली में साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाती है। जिसमें प्रथम सेमेस्टर दिसंबर व द्वितीय सेमेस्टर अप्रैल-मई में आयोजित की जाती है। बीयू से संबद्ध महाविद्यालयों में पीजी कक्षाओं की प्रथम, सेमेस्टर परीक्षा हो चुकी है। वहीं सेकेण्ड सेमेस्टर एक्जाम मई से होने वाली है। लेकिन सेमेस्टर के कोर्स कंप्लीट ही नहीं हुए हैं। जिससे छात्रों को डर सता रहा है। फर्स्ट सेमेस्टर के परिणाम बहुत ही खराब आये हैं। जिससे बिना कोर्स पूरे हुए सेकेण्ड सेमेस्टर देना छात्रों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सेमेस्टर पद्धति तो लागू कर दिया है मगर बिना कक्षा लगाये व कोर्स अधूरे होते हुए एक्जाम कराना समझ से परे है।
बिलासपुर विश्वविद्यालय में फर्स्ट सेमेस्टर के परिणाम जारी होते ही छात्रों का समूह प्रतिदिन विश्वविद्यालय ज्ञापन देने व उत्तापुस्तिकाओं के फिर से मूल्यांकन जैसे अन्य समस्याओं को लेकर कुलपति, रजिस्ट्रार तथा परीक्षा विभाग में पहुंचते रहे हैं। वहीं पीजी कक्षाओं के फर्स्ट सेमेस्टर के रिजल्ट बहुत ही खराब आये। जिससे यह कहा जा रहा है कि सेकेण्ड सेमेस्टर के एक्जाम में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि फर्स्ट सेमेस्टर में भी बिना क्लास व कोर्स कंप्लीट किये बगैर ही आनन-फानन में परीक्षा ली गई थी।
बीयू की लचर व्यवस्था
विश्वविद्यालय द्वारा जब सेमेस्टर के आवेदन जमा हो रहे थे तब 11600 छात्रों ने पंजीयन कराया था। उसके बाद पात्र 10700 छात्रों का ही रजिस्ट्रेशन सेमेस्टर एक्जाम के लिए हो पाया था लेकिन फर्स्ट सेमेस्टर में सिर्फ 6000 के लगभग ही परीक्षार्थी शामिल हुए थे। वहीं मई में होने वाली सेकेण्डर सेमेस्टर एक्जाम के लिए 5600 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। बीयू की लचर व्यवस्था व अन्य खामियों की वजह से छात्रों की संख्या घट गई है। कई छात्रों ने परीक्षा में शामिल नहीं होना ही उचित समझा।


