सीमा प्रहरियों की विधवाओं के आवास और पुनर्वास सहित कई कल्याणपरक कार्य करता है बावा : रेनू शर्मा
सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों के परिजनों की संस्था बावा (बी.एस.एफ. वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन) द्वारा सोमवार को आयोजित रजत जयंती समारोह में बीएसएफ के शहीद प्रहरियों की विधवाओं को सम्मानित किया गया
नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रहरियों के परिजनों की संस्था बावा (बी.एस.एफ. वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन) द्वारा सोमवार को आयोजित रजत जयंती समारोह में बीएसएफ के शहीद प्रहरियों की विधवाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बावा की अध्यक्षा रेनू शर्मा ने विधवाओं की समस्याएं सुनीं और उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
साथ ही यादगार स्वरूप उन्हें 100 ग्राम चांदी का सिक्का भेंट किया। इस अवसर पर बीएसएफ के महानिदेशक के.के.शर्मा ने 'बावा' को वित्तिय सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। नई दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित सीमा सुरक्षा बल के अश्विनी ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में आयोजित समारोह के दौरान प्रहरियों के दिव्यांग बच्चों के लिये खेलों का भी आयोजन किया गया तथा प्रोत्साहन स्वरूप प्रत्येक को 10 हजार रुपये का उपहार प्रदान किया गया।
वहीं, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रेनू शर्मा ने बताया कि आज से 25 साल पहले 18 सितम्बर 1992 को 'बावा' की स्थापना की गई थी। तब से इस ऐतिहासिक दिन को यह 'बावादिवस' के रूप में मनाया जा रहा है। यह सीमा सुरक्षा बल का गैर लाभकारी संगठन है जो बल सदस्यों की पत्नियों, विधवाओं और उनके बच्चों के कल्याण के लिए बना है।
यह संगठन उन्हें, कैरियर, स्वास्थ्य, जीवन शैली और रोजगार सहित जीवन के विविध मुद्दोंपर परामर्ष और मदद प्रदान करता है। बहादुर सीमा प्रहरियों की विधवाओं के आवास और पुनर्वास सहित कई कल्याणपरक मुद्दे इसकी कार्यसूची में हैं। सुख और संकट, दोनों ही परिस्थितियों में 'बावा' इनके साथ बना रहता है। इनके अतिरिक्त यह समाज कल्याण के कई अन्य कार्यक्रमों को भी सम्पादित करता है।
उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के लिए संगठन की सराहना की और कहा कि 'बावा सीमासुरक्षा बल कार्मिकों के बाल-बच्चों के उत्थान और उनके कल्याण में अग्रणी भूमिका तो निभा ही रहा है, सामाजिक कार्यो की अपनी सक्रिय भागीदारी से आम जनता में भी अपना स्थान बनाता जा रहा है। कामना है कि हम और हमारी संस्था सदैव कल्याणमुखी रहें।


