बीएसएफ, बीजीबी ने अपराध और आतंकी कृत्यों से निपटने के लिए की वर्चुअल बैठक
बीएसएफ और बीजीबी ने सीमा अपराधों, सीमा पर बाड़ लगाने और विद्रोही गतिविधियों सहित अन्य मुद्दों से निपटने के लिए अपना पहला आभासी सीमा प्रबंधन सम्मेलन (वर्चुअल बॉर्डर मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस) शुरू किया

अगरतला। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने सोमवार को सीमा अपराधों, सीमा पर बाड़ लगाने और विद्रोही गतिविधियों सहित अन्य मुद्दों से निपटने के लिए अपना पहला आभासी सीमा प्रबंधन सम्मेलन (वर्चुअल बॉर्डर मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस) शुरू किया। अधिकारियों ने कहा कि चार दिवसीय बीएसएफ-बीजीबी सीमा समन्वय सम्मेलन (बीसीसी) सीमा पार अपराधों, विभिन्न प्रतिबंधित चीजों और मवेशियों की तस्करी, नकली भारतीय मुद्रा पर रोक लगाने के लिए कुछ रणनीति अपनाएगा। इसके साथ ही दो पड़ोसी देशों की सीमाओं के साथ लंबित विकास कार्यों से संबंधित रणनीति भी इसका हिस्सा है।
तीन सीमा क्षेत्रों के महानिरीक्षक (आईजी) - त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम एवं कछार फ्रंटियर - के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों के बीजीबी अधिकारियों ने सोमवार को आभासी बैठक में भाग लिया। बैठक में बांग्लादेश के विदेश और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है, चर्चा के बाद, दोनों प्रतिनिधिमंडलों के लीडर्स अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर शांति एवं सौहार्द स्थापित करने के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी द्विपक्षीय मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएंगे।
इसमें कहा गया है कि विश्वास निर्माण उपायों के रास्ते पर चलते हुए, भारत और बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल परंपराओं के अनुसार द्विवार्षिक सीमा समन्वय सम्मेलन में भाग लेकर अपने लगातार बढ़ते मैत्रीपूर्ण सहयोग में आगे बढ़ रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में, बीएसएफ और बीजीबी ने संयुक्त रूप से अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत किया है और सभी सीमा मुद्दों को सार्थक बातचीत के माध्यम से हल करके आपसी विश्वास और सहयोग में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं।
बता दें कि इस तरह का आखिरी बीसीसी पिछले साल नवंबर में शलबगान में बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर मुख्यालय में आयोजित किया गया था।
बीएसएफ के त्रिपुरा फ्रंटियर आईजी सुशांत कुमार नाथ ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि बीजीबी के अतिरिक्त महानिदेशक तनवीर गनी चौधरी ने बांग्लादेश टीम का नेतृत्व किया।
चार पूर्वोत्तर राज्य - त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), मिजोरम (318 किमी) और असम (263 किमी) - बांग्लादेश के साथ 1,880 किमी सीमा साझा करते हैं।
सीमाओं के अधिकांश हिस्सों में बाड़ नहीं है और सीमा के दोनों ओर हजारों गांव और लोगों के घर मौजूद हैं।


