गोरखालैंड आंदोलन पर आधारित फिल्म है 'ब्रोकन विंग्स'
दार्जिलिंग के फिल्म निर्माता शेनपेन खिमसार ने अपने निर्देशन करियर की शुरूआत फिल्म 'ब्रोकन विंग्स' से की है।

मुंबई | दार्जिलिंग के फिल्म निर्माता शेनपेन खिमसार ने अपने निर्देशन करियर की शुरूआत फिल्म 'ब्रोकन विंग्स' से की है। उनके मुताबिक यह फिल्म दार्जलिंग के वास्तविक मुद्दों पर आधारित है। शेनपेन का दावा है कि आजादी के बाद के भारत में यह पहली बार है कि नेपाली-हिंदी भाषा की फिल्म "दार्जिलिंग में बनाई गई है"। हालांकि ऐसी कई फिल्में बनी हैं लेकिन उनकी शूटिंग हिल स्टेशन में की गई है।
उन्होंने कहा, "मैं दार्जिलिंग से हूं और मुझे लगा कि अपनी कहानी और मैं जहां बड़ा हुआ उन जगहों को अपनी फिल्म में शामिल करूं। हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत के बहुत से लोग यह नहीं जानते कि यह भारत का हिस्सा है। वे बस इसे यहां की टॉय ट्रेन और चाय के लिए जानते हैं। दार्जिलिंग भारत का एक जटिल हिस्सा है जहां नेपाली बोली जाती है, जो कि भारत की एक संवैधानिक भाषा भी है।"
फिल्म की कहानी 1988 से 1992 के गोरखालैंड आंदोलन की पृष्ठभूमि पर है।
उन्होंने आगे कहा, "मैं दर्शकों को मनोरंजन करना चाहता हूं और साथ ही शेष भारत में दार्जिलिंग का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं। दार्जिलिंग संगीत का मक्का है, लेकिन मुख्यधारा के सिनेमा में अभी भी इस जगह से एक भी संगीतकार, अभिनेता या निर्देशक नहीं है।"
इस फिल्म में दिग्गज कलाकारों के साथ-साथ पहाड़ी कलाकार भी शामिल हैं। इसमें एंडो, सुनाक्षी ग्रोवर, विनय पाठक, शुभदीप राहा, नीतू पांडे, रूबेन प्रधान, नीमा शेरपा, मिंगमा ल्हामो तमांग और भव्या शर्मा शामिल हैं।
अपनी फिल्म के शीर्षक के बारे में उन्होंने कहा, "दार्जिलिंग में, राजनीति, धर्म, संस्कृति, समाज, मीडिया और यहां तक कि अभिभावक भी युवाओं के पंख काटने वालों में शामिल हैं। मुझे आशा है कि मेरा यह प्रयास आंखें खोलने वाला है, जो आज के समय की जरूरत है।"


