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ब्रिटिश संसद ने मेरा नहीं, भारत की लाखों-करोड़ों समाजसेवी महिलाओं का किया सम्म्मान: फौज़िया

दशकों से बॉलीवुड की जानी-मानी फिल्म निर्माता, निर्देशक व संगीतकार फ़ौज़िया आर्शी को ब्रिटिश संसद और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया गया

ब्रिटिश संसद ने मेरा नहीं, भारत की लाखों-करोड़ों समाजसेवी महिलाओं का किया सम्म्मान: फौज़िया
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नई दिल्ली। दशकों से बॉलीवुड की जानी-मानी फिल्म निर्माता, निर्देशक व संगीतकार फ़ौज़िया आर्शी को ब्रिटिश संसद और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया गया। फौज़िया आर्शी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उसकी बेहतरी के लिए काम करती हैं। फ़ौज़िया ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए चुने गए कुल 6 भारतीयों का प्रतिनिधित्व भी किया।

फौज़िया आर्शी ने मानव तस्करी और लोगों को रोजगार की सही सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सरकारों को जोर देने की बात की और कहा कि अगर सरकार चाहे तो मानव तस्करी और महिला प्रताड़ना अपने आप खत्म हो जाय, बस जरूरत है सजग और सरल सिस्टम की।

फौज़िया आर्शी ने 600 साल पुराने ब्रिटिश पोलिटिकल सिस्टम की तारीफ की और कहा कि यह सिस्टम जनता से जुड़ी है और इसको अन्य देशों को खासकर भारत जैसे देशों को अपनाना चाहिए। उनका कहना था कि ह्यूमन राइट्स से जुडी ऐसी वर्कशॉप ज्यादा संख्या में होनी चाहिए, जो ना सिर्फ सरकारों को बल्कि आम लोगों की मदद करेगी।

फौज़िया आर्शी को मिला यह सम्मान भारत की उन महिलाओ को प्रेरणा देगा जो सामाजिक मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रही है। मध्य प्रदेश के सिंगरौली में वहां के आदिवासियों और किसानों के लिए संघर्ष करने वाली एकता ने बताया कि फौज़िया आर्शी का यह सम्मान हम लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि समाज के लिए चुना गया हमारा रास्ता ठीक है और हमारे इस कदम से सरकारों को और सामाजिक ताने बाने को छेड़ने वाले लोगो को तकलीफ के साथ-साथ सीख भी मिलेगी।

ब्रिटिश राजनीतिक सिस्टम को समझने के लिए यह कार्यक्रम ब्रिटिश संसद सदस्य वीरेंद्र शर्मा की मौजूदगी में किया गया, जिन्होंने ब्रिटिश पोलिटिकल सिस्टम की जानकारी कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को दी और समाज के लिए काम करने वाले भारतीय प्रतिनिधि मंडल का आभार भी व्यक्त किया।


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