ब्राइटलैंड स्कूल हादसा: लखनऊ में धरने पर बैठे आजमगढ़ के किसान
लखनऊ के ब्राइटलैंड स्कूल में बच्चे द्वारा बच्चे पर किये गए हमले को लेकर आजमगढ़ के किसान हीरालाल मंगलवार को यहां जीपीओ पार्क, गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे

लखनऊ। लखनऊ के ब्राइटलैंड स्कूल में बच्चे द्वारा बच्चे पर किये गए हमले को लेकर आजमगढ़ के किसान हीरालाल मंगलवार को यहां जीपीओ पार्क, गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे। खरियानी, आजमगढ़ निवासी हीरालाल के छह वर्षीय पुत्र एलकेजी छात्र किशन बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति का दो साल पहले शिकार हुआ था।
आजमगढ़ से अपनी पत्नी प्रतिमा और बेटे बलदाऊ के साथ धरने पर बैठे हीरालाल कहते हैं कि दो साल पहले उनका बेटा किशन ग़ैर जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठा था। समय रहते इस मामले पर उचित कार्र्रवाई हुई होती तो शायद ब्राइटलैंड स्कूल की घटना नहीं हुई होती।
हीरालाल बताते हैं कि 27 जनवरी 2016 को स्कूल खुलने के तुरंत बाद किशन की स्कूल परिसर में ह्त्या की सूचना उन्हें मिली थी। उनके मासूम बच्चे किशन की गर्दन पर इस कदर बर्बर तरीके से वार हुआ कि चाकू गरदन में ही टूट गया। इस घटना ने उन्हें बदहवास कर दिया था। इस घटना के तीखे विरोध के बाद क्षेत्र के सांसद मुलायम सिंह यादव ने फोन कर उन्हें इंसाफ़ दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन इस मामले को लेकर जब वह तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे तो उन्हें हवालात पहुंचा दिया गया।
हीरालाल कहते हैं कि मेरे बेटे की ह्त्या के मामले में पुलिस-प्रशासन का बेहद ढीला और असंवेदनशील रवैया रहा। ना कालेज प्रबंधन घेरे में आया और ना चौथे दर्जे में पढ़नेवाला ह्त्या आरोपी बच्चा। घटना के बाद क्षेत्र के सभी तबकों और वर्गों से जुड़े लोगों ने इसका तीखा विरोध किया था और फ़ौरन कार्रवाई की मांग की थी। इस मांग को अनसुना कर दिया गया। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश तक में हुए हादसे नहीं होते।
हीरालाल ने तय किया है कि वे बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति के सवाल को लेकर लड़ते रहेंगे ताकि कोई किशन असुरक्षितन रहे, निर्दयता का शिकार न बने।
किशन की मां प्रतिमा अपने छोटे बेटे बलदाऊ को अपनी बांहों में भींचते हुए बताती हैं कि वे अपने बड़े बेटे को खो चुकी हैं। छोटे बेटे को नहीं खोना चाहतीं इसलिए उसे स्कूल भेजने से डरती हैं। इस मौक़े पर मौजूद आजमगढ़ से आये विनोद यादव और तारिक शफीक तथा प्रतापगढ़ से आये शम्स तबरेज ने कहा कि इस डर के ख़िलाफ़ हम सब को खड़ा होना होगा। धरने में बच्चों के अध्यापन से जुडीं सदफ जफ़र और अवाम मूवमेंट की रफत फातिमा ने कहा कि एक गरीब किसान हमारे बच्चों की हिफाज़त के सवाल को लेकर राजधानी तक पहुंचा है। हमारा फर्ज है कि इस लड़ाई को मिलजुल कर मुकाम तक पहुंचाया जाये।
सृजनयोगी आदियोग ने कहा कि बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। चिंता की बात है कि स्कूल परिसर बच्चे द्वारा बच्चे पर किए जानेवाले जानलेवा हमलों के मैदान होते जा रहे हैं। जितने बड़े स्कूल, उतने ही निर्मम हमले। इन हादसों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन कारणों की पड़ताल होनी चाहिए जो बच्चों को हिंसा का रास्ता सुझाते हैं। इसके लिए सरकार को संबंधित विषय विशेषज्ञों को लेकर विधिवत आयोग का गठन करना चाहिए।
धरने का संचालन इंसानी बिरादरी के खिदमतगार वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने किया। धरने में के के शुक्ला, पावर विंग की सुमन रावत, राजीव यादव, पंडित अलोक कुमार मिश्रा, हुसैन आदि शामिल हुए.
पत्र का मजमून
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश
लखनऊ।
प्रिय महोदय,
23 जनवरी 2016
बताना चाहूंगा कि 27 जनवरी 2016 कोआजमगढ़ में मेरे छह वर्षीय बेटे किशन की सिंहपुर कटहन (तहसील मेंहनगर) स्थित राम कुंवर सिंह इंटर कालेज में निर्मम ह्त्या हुई थी। लेकिन पुलिस-प्रशासन का इस गंभीर मामले में बेहद ढीला और असंवेदनशील रवैया रहा। ना कालेज प्रबंधन घेरे में आया और ना चौथे दर्जे में पढ़नेवाला ह्त्या आरोपी बच्चा।
घटना के बाद क्षेत्र के सभी तबकों और वर्गों से जुड़े लोगों ने इसका तीखा विरोध किया था और फ़ौरन कार्रवाई की मांग की थी। इस मांग को अनसुना कर दिया गया।
तब से मैं इंसाफ़ के लिए भटक रहा हूं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे लगे कि इंसाफ़ मिलेगा। गाजियाबाद के बाद लखनऊ के ब्राइटलैंड स्कूल में अभी हाल में घटे हादसे ने मुझे बुरी तरह झकझोर दिया। इंसाफ़ का कोई रास्ता खुलता न देख आख़िरकार मैंने सपरिवार प्रदेश की राजधानी में गोहार लगाने का फैसला किया।
उम्मीद है कि मेरी सुनी जायेगी और मेरे परिवार को इंसाफ़ मिलेगा। मेरे बच्चे का कोई सात माह पहले एलकेजी में दाखिला हुआ था और वह स्कूल में अपना पहला साल भी पूरा न कर सका।
आज यहां गांधी प्रतिमा पर आयोजित धरने के जरिये हमारी मांग है कि;
- · मेरे बच्चे की ह्त्या की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो।
- · ग़ैर जिम्मेदार कालेज प्रबंधन पर मुक़दमा दर्ज हो और कालेज की मान्यता निरस्त हो।
- · बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति के कारणों की पड़ताल करने के लिए आयोग का गठन हो।
निवेदक
हीरालाल यादव
पुत्र अछैबर यादव
ग्राम सरायभादी, पोस्ट खरियानी
तहसील मेंहनगर, आजमगढ़
मोबाइल: 9838357537


