ब्रेक्जिट समझौता प्रस्ताव गिरने पर ईयू देशों ने निराशा जाहिर की
ब्रिटेन की संसद में ब्रेक्जिट समझौता प्रस्ताव गिरने पर यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों ने अफसोस और निराशा जाहिर की

ब्रसेल्स। ब्रिटेन की संसद में ब्रेक्जिट समझौता प्रस्ताव गिरने पर यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों ने अफसोस और निराशा जाहिर की है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने प्रस्ताव गिरने के बाद चेताया कि ब्रेक्जिट समझौता न होने की स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटेनवासियों का ही होगा। मैक्रों कहा, “पहला विकल्प है कि कोई समझौता न हो। उनका कहना है कि कोई समझौता नहीं होगा। ऐसे में नुकसान सभी का होगा लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटेनवासियों का होगा।”
उन्होंने कहा कि दूसरा विकल्प है कि मौजूदा समझौते में सुधार किया जाए। श्री मैक्रों ने अनुमान लगाया कि ब्रिटेन दूसरे विकल्प का चयन करेगा लेकिन अंतत: वह तीसरे विकल्प पर आएगा जिसके तहत ईयू से अलग होने के लिए चल रही प्रक्रिया का विस्तार किया जाएगा।
जर्मनी के वाइस चांसलर अोलाफ स्कोल्ज ने मंगलवार को संसद में ब्रेक्जिट समझौता प्रस्ताव गिरने के बाद इस दिन को ब्रिटेन और ईयू दोनों के लिए दुखद बताया। उन्होंने ट्वीट किया, “यह यूरोप के लिए दुखद दिन है। हम सभी पूरी तरह तैयार हैं लेकिन सख्त शर्तों वाला ब्रेक्जिट समझौता ब्रिटेन और ईयू दोनों के लिए कम आकर्षक होगा।”
आयरलैंड सरकार ने बयान जारी कर कहा कि उसे समझौता प्रस्ताव गिरने का अफसोस है। यह आयरलैंड की सीमाओं की सख्ती को कम करने का सर्वोत्तम उपाय था। सरकार ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटा जा सकता था।
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने कहा कि उनका देश ब्रेक्टिट समझौता न होने की तैयारी करेगा। उनकी सरकार ईयू और ब्रिटेन के बीच तय हुए समझौते के समर्थन में थी।
बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल ने ब्रिटेनवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि फैसला उन्हें लेना था और उन्हें अपने निर्णय की जिम्मेदारी लेनी होगी। आने वाले दिनों में बेल्जियम की राजस्व एजेंसियां ब्रेक्जिट समझौता खारिज होने से कंपनियों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कदम उठायेंगी।
गौरतलब है कि ब्रिटेन की संसद में प्रधानमंत्री थेरेसा मे का ब्रेक्जिट समझौता प्रस्ताव 432 के मुकाबले 202 वोट से गिर गया था। सुश्री थेरेसा को अब अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।


