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ठंड में न हो रैन बसेरों की तोड़-फोड़

  दिल्ली सरकार ने झुग्गी बस्तीवासियों के समर्थन में एक बार फिर दांव चला और कहा है कि इस बार सर्दियों में झुग्गी बस्तियों में तोड़-फोड़ की कार्रवाई न करने की अपील की है

ठंड में न हो रैन बसेरों की तोड़-फोड़
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने झुग्गी बस्तीवासियों के समर्थन में एक बार फिर दांव चला और कहा है कि इस बार सर्दियों में झुग्गी बस्तियों में तोड़-फोड़ की कार्रवाई न करने की अपील की है। इस संबंध में स्थानीय निकाय व भूमि स्वामित्व एजेंसी से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आग्रह किया है कि ठंड के मौसम में झुग्गी बस्तियों को ढहाया नहीं जाए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस अपील में भी वोट की राजनीति की झलक देखी जा सकती है। केजरीवाल ने इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की, जिसमें शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली के प्रधान सचिव, सीईओ डीएसयूआईबी व डीडीए और तीनों नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दी के कारण 28 फरवरी तक झुग्गी बस्तियां ढहाई नहीं जाएं। उन्होंने सभी स्थानीय निकायों को आगाह किया कि झुग्गी बस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान प्रोटोकाल का पालन करें।

भविष्य में झुग्गी बस्तियों को ढहाने से पहले झुग्गीवाासियों को रहने के लिए भूमि दिया जाए या उन्हें तय नियमों के तहत पुनर्वास की सुविधा दी जाएं। उन्होंने डीएसयूआईबी के सीईओ को विशेष रूप से कहा कि झुग्गीवासियों के पुर्नस्थापित करने के संबंध में कार्यवाही करते हुए स्थानीय निकायों के सामने एक मॉडल पेश करें।

अधिकारी दबी जुबान में मानते हैं कि मुख्यमंत्री की यह अपील एक राजनीति है। नियमों के तहत अधिसूचित झुग्गीवासियों को पहले से पुर्नस्थापित करने के बाद ही झुग्गियां ढहाई जाती है। मुख्यमंत्री चाहते है कि जो लोग अधिसूचित नहीं, लेकिन उनके पास फोटो पहचान-पत्र हैं, उन्हें भी पुनर्वास की सुविधा मिले, जो संभव नहीं होगा।

इस मुद्दे पर फरवरी में राजनीतिक शोर मच सकता है। वहीं, आज सरकार ने खुले में हो रही मौत के समाचार आने के बाद चुप्पी तोड़ी और बताया कि 251 रैन बसेरों में 19459 लोगों के ठहरने का प्रबंध किया है। इसमें 83 स्थायी, 113 पोर्टा केबिन में, 55 अस्थायी रैन बसेरे हैं, जिसमें पिछले वर्ष कुल 12 हजार लोग ठहरे थे। पिछले साल को देखते हुए यह प्रबंध किए गए हैं। इस वर्ष 188 को पुरुषों के लिए, 20 महिलाओं, 12 बच्चों और 23 परिवारों के लिए बनाए गए हैं। अब यहां शनिवार से सुबह की चाय व रस्क शुरू हो जाएगा, जो कि 31 जनवरी तक मिलते रहेंगे।


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