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ब्राजील ने दिया लैटिन अमेरिका में सिंगल करंसी लाने का प्रस्ताव

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने दक्षिण अमेरिकी देशों के लिए एक क्षेत्रीय व्यापारिक मुद्रा बनाने का प्रस्ताव दिया है. लैटिन अमेरिकी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए आयोजित सम्मेलन में उन्होंने यह प्रस्ताव दिया.

ब्राजील ने दिया लैटिन अमेरिका में सिंगल करंसी लाने का प्रस्ताव
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लूला ने रीजनल डेवलपमेंट बैंकों से भी अपील की कि वे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में वित्तीय सहायता और निवेश बढ़ाने की दिशा में कोशिशें बढ़ाएं. उन्होंने क्षेत्र के सभी सरकारी बैंकों से कहा कि वो व्यापार के लिए क्षेत्र के बाहर की मुद्राओं से निर्भरता घटाने के लिए साथ मिलकर काम करें.

लूला ने ये बातें राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित दक्षिण अमेरिकी सम्मेलन में कहीं. इस सम्मेलन में दक्षिण अमेरिका के सभी 12 देशों के नेता शामिल हुए. पेरू की राष्ट्रपति दीना बोलूआर्ते अनुपस्थित रहीं. पेरू में उन पर चल रहे आपराधिक मामले के कारण वो देश से बाहर नहीं जा सकती हैं. ऐसे में उनकी जगह प्रधानमंत्री अल्बेर्तो ओतारोला सम्मेलन में पहुंचे. इससे पहले आखिरी बार 2014 में इक्वाडोर में क्षेत्रीय नेताओं का सम्मेलन हुआ था.

सिंगल करंसी का विचार नया नहीं

दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच एकल मुद्रा लागू करने का विचार नया नहीं है. मगर इसकी प्रक्रिया बहुत विस्तृत और जटिल है. इसके अलावा मौजूदा और एतिहासिक स्पर्धाएं भी हैं, मसलन अर्जेंटीना और ब्राजील के बीच. फ्लूमिनेस फेडरल यूनिवर्सिटी के जैक्स डीअडेस्की ने डीडब्ल्यू को बताया, "सिंगल करंसी जोन बनाने के लिए शुरुआत में भविष्य के सहयोगियों के बीच कई दौर की बातचीत की जरूरत होगी."

एकिनटेक बैंक के अर्थशास्त्री लेआंद्रो दिआस बताते हैं, "ज्यादातर देश अपनी संप्रभुता और आर्थिक आजादी बरकरार रखना चाहेंगे." इसके अलावा लैटिन अमेरिका की सिगंल करंसी के राजनैतिक मायने भी होंगे. यूरो जोन की तरह इसे भी एक संगठित आर्थिक इलाके की तरह देखा जाएगा. पूरा क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक तौर पर और करीब आएगा.

क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर फोकस

लूला अपने कार्यकाल में दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच एका और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर बहुत ध्यान दे रहे हैं. अपने चुनावी अभियान में भी लूला ने सिंगल करंसी का जिक्र करते हुए कहा था, "अगर ईश्वर ने चाहा, तो हम लैटिन अमेरिका के कॉमन करंसी बनाएंगे क्योंकि हमें डॉलर पर निर्भर नहीं रहना चाहिए." लूला ने सत्ता में आकर चार साल की अनुपस्थिति के बाद अप्रैल 2023 में ब्राजील की यूनियन ऑफ साउथ अमेरिकन नेशन्स (यूएनएएसयूआर) में वापसी कराई.

इस मौके पर राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि यूएनएएसयूआर, दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने और समेकन को बढ़ावा देने की व्यवस्था है. बयान में जोर दिया गया कि टिकाऊ विकास, नागरिकों की भलाई और गरीबी, सामाजिक असामनता जैसे क्षेत्रीय मसलों को सुलझाने के लिए दक्षिण अमेरिकी देशों में एकता और सामंजस्य की जरूरत है. पूर्व राष्ट्रपति खाएर बोल्सोनारो के कार्यकाल के दौरान 2019 में ब्राजील ने यूएनएएसयूआर छोड़ दिया था. अब ब्राजील की वापसी के बाद अर्जेंटीना भी ब्लॉक में लौट आया है.

मादुरो को बुलाने पर आलोचना

ब्रासीलिया सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की बातों के बीच मतभेद भी दिखे. लूला ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो को भी सम्मेलन में शरीक किया. उनके पूर्ववर्ती बोल्सोनारो ने वेनेजुएला की सरकार से संबंध तोड़ लिए थे. अब लूला ने मादुरो के साथ वापस संबंध जोड़े हैं. उन्होंने मादुरो का स्वागत करते हुए उन्हें गला लगाया और कहा कि यह दोनों देशों के आपसी संबंधों की नई घड़ी है.

मादुरो के शामिल होने पर भी ब्लॉक में मतभेद दिखा. मादुरो पर मानवाधिकार उल्लंघन और राजनैतिक आलोचना को निशाना बनाने के गंभीर आरोप हैं. लूला ने इन आरोपों पर सवाल उठाते हुए इन्हें "होस्टाइल नरैटिव" बताया. उन्होंने मादुरो का बचाव करते हुए कहा बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "लोकतांत्रिक दुनिया वेनेजुएला के बारे में जो मांग करता है, वो सऊदी अरब के लिए नहीं करता."

उरूग्वे के राष्ट्रपति लुईस पौ ने कहा, "मैं यह सुनकर हैरान हुआ कि वेनेजुएला में जो हो रहा है, उसे कहानी बताया जा रहा है. सबसे बुरी चीज जो हम कर सकते हैं, वो है इसे बुहारकर कालीन के नीचे छुपा देना." पौ, मादुरो को तानाशाह बता चुके हैं. चिली के राष्ट्रपति गैरबियल बोरिक ने कहा, "मानवाधिकारों का हर जगह, हमेशा सम्मान होना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि सत्तारूढ़ नेता का राजनैतिक रुझान क्या है."


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