ब्रजेश ठाकुर जांच में बाधा उत्पन्न कर रहा : सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले का आरोपी ब्रजेश ठाकुर जांच में बाधा उत्पन्न कर रहा है

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले का आरोपी ब्रजेश ठाकुर जांच में बाधा उत्पन्न कर रहा है और पूछा कि क्यों ना उसे बिहार से बाहर की जेल में भेज दिया जाए। सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि यह 'आश्चर्यजनक, भयंकर और डराने' वाला खुलासा है कि कैसे अपराध को अंजाम दिया जा रहा था।
इस बात को संज्ञान में लेते हुए कि ठाकुर काफी रसूखदार व्यक्ति है, अदालत ने पूछा, "यह काफी खौफनाक है। बिहार सरकार क्या कर रही है?"
सीबीआई ने मार्च में सामने आए आश्रयगृह दुष्कर्म मामले में जांच के बाद अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की।
अदालत ने सीबीआई को मामले की जांच करने वाली टीम को नहीं बदलने के भी निर्देश दिए।
शीर्ष अदालत ने जांच एजेंसी और बिहार सरकार से यह जानना चाहा कि मामले के प्रकाश में आने के बाद बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्र शेखर वर्मा को अबतक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
न्यायमित्र के रूप में अदालत का सहयोग कर रहीं अपर्णा भट्ट ने अदालत से कहा कि बिहार सरकार और जांच एजेंसी द्वारा यह दावा किया गया कि वर्मा फरार है, लेकिन इसके विपरीत उसे उसकी पत्नी के आधिकारिक आवास पर देखा गया है।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई द्वारा कराए गए सोशल ऑडिट से ठाकुर के द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह में कम से कम 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी।
ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी।
बाद में मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी।


