नौकरशाही से परेशान होते हैं पेंशनभोगी
उम्र गंवा दी रेलवे महकमें की सेवा करते करते और अब पेंशन, भत्ते के लिए चक्कर काट रहे हैं

नई दिल्ली। उम्र गंवा दी रेलवे महकमें की सेवा करते करते और अब पेंशन, भत्ते के लिए चक्कर काट रहे हैं। लाल फीताशाही, नौकरशाही और भ्रष्ट्राचार का बोलबाला कहें या धीमी गति से काम करने की शिकायतें करते ऐसे ही कई पेंशनभोगी आज उत्तर रेलवे की पेंशन अदालत पहुंचे।
सेवानिवृत रेल कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए उत्तर रेलवे प्रति वर्ष पेंशन अदालत अथवा पेंशनभोगी परिवाद प्राधिकरण का आयोजन करती है और इसी कड़ी में मुख्य कार्मिक अधिकारी अंगराज मोहन ने अदालत का आयोजन किया।
उत्तर रेलवे के प्रधान कार्यालय बड़ौदा हाउस में आयोजित इस अदालत के अलावा दिल्ली, फिरोजपुर, अम्बाला, लखनऊ और मुरादाबाद मंडलों में इस अदालत का आयोजन किया गया। प्रधान कार्यालय में आयोजित पेंशन अदालत की अध्यक्षता उत्तर रेलवे की मुख्य कार्मिक अधिकारी और प्रशासन रेनु यादव ने की। इस अदालत में विद्युत कारखाना, दयाबस्ती, उपभंडार नियंत्रक शकूरबस्ती और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कश्मीरी गेट से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों से सम्बन्धित परिवादों का निपटारा किया गया।
इस वर्ष कुल सामने आए 531 मामलों में से 388 मामलों का ही निपटारा मौके पर किया जा सका। अधिकारियों ने दावा किया कि बाकी मामलों को भी जल्द से जल्द निपटाया जाएगा। आज निपटाए गए मामलों में कुल 4.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया ।


