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बोनस किसानों के जीवन में संजीवनी : मुख्यमंत्री

राज्य विधानसभा में धान के बोनस पर बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र में 2101 करोड़ रूपए के द्वितीय अनुपूरक अनुमान को रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ के अन्नदाता की चिंता कर रही

बोनस किसानों के जीवन में संजीवनी : मुख्यमंत्री
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रायपुर। राज्य विधानसभा में धान के बोनस पर बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र में 2101 करोड़ रूपए के द्वितीय अनुपूरक अनुमान को रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ के अन्नदाता की चिंता कर रही है। इसीलिए यह विशेष एक दिवसीय सत्र बुलाया गया है।

उनका कहना था कि तपती धूप, गर्मी और बारिश में धान का उत्पादन करने वाले किसानों के चेहरे में सरकार मुस्कुराहट लाना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि धान का उत्पादन संस्कृति का हिस्सा है जिसे प्रकृति की मार झेलते हुए अन्नदाता अच्छी पैदावार करते हैं। इसलिए सरकार धान पर 2100 करोड़ का बोनस देने जा रही हैं। इससे प्रदेश के लाखों किसानों का आशीर्वाद मिलेगा। यह बोनस किसानों की जीवन में संजीवनी का काम करेगा।

मुख्यमंत्री का कहना था कि किसानों के लिए सरकार ने कई काम उनके चिंताओं को समझते हुए किया हैं। जिसमें मुख्य तौर पर तीन विषय थे :- उनमें धान पर उत्पादन लागत, खरीदी की व्यवस्था, तथा समूचीत तरीके से खेती को रखा गया। यही वजह है कि धान की उत्पादन में किसान बढ़ोत्तरी कर पायें हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस तरह की व्यवस्था करने जा रही है जिससे आने वाले दिनों में प्रदेश के किसान कम्प्युटराइज तरीके से कृषि कर पाएंगे। छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में परिवर्तन आया हैं लेकिन सरकार की चिंता सिर्फ इतनी नहीं रही है स्वास्थ्यगत मामलों में भी चिंता की हैं और किसानों के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ योजना के माध्यम से 30 हजार रूपए की राशि को बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दिया है जो स्मार्ट कार्ड के तौर पर सरकारी और निजी सभी अस्पतालों में सुविधा मिल पाएगी।

मुख्यमंत्री ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के शब्दों को याद करते हुए बताया कि पं. नेहरू ने कहा कि सब कुछ का इंतजार हो सकता है लेकिन खेती इंतजार नहीं कर सकती। इसीलिए कृषि में सुधार के उपायों पर बल देते रही हैं। वैश्वीकरण, चकबंदी आदि तमाम व्यवस्थाओं पर सरकार निर्णय कर आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1951-52 में देश की जीडीपी 55 प्रतिशत थी जो पिछले 50 सालों में घटकर 14 प्रतिशत रह गई हैं। क्योंकि नीतिगत फैसले गलत लिये गये। पं. लालबहादुर शास्त्री के शब्दों को याद करते हुए डॉ. रमन ने कहा कि उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया था अब उसमें जय विज्ञान जुड़ गया हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश के 4 लाख 35 हजार किसानों को पंप कनेक्शन दिया जा रहा है जो शुरुआत वर्ष में 75 हजार था। सरकार ने फसल के नुकसान पर चिंता की हैं।

यही वजह है कि फसल का 2 प्रतिशत की दर से बीमा किया गया। वहीं उज्जवला गैस योजना सरकार ने लाई है जिसके माध्यम से प्रदेश के 36 लाख परिवारों को गैस चूल्हा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के अनुपूरक अनुमान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा कि यह सरकार घोषणाएं करती रही हैं। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने 2013 में चुनाव के पहले किसानों से वायदा किया था कि हर साल बोनस दूंगा और एक वर्ष बोनस देने के बाद बोनस देना बंद कर दिया।

यदि सरकार किसानों को बोनस दे रही होती है तो यह विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह सरकार मंत्रालय से नहीं भाजपा कार्यालय से चल रही हैं। इसीलिए धान पर बोनस की घोषणा मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यालय से की जिसमें कृषि मंत्री शामिल नहीं हुए। यहीं नहीं सरकार के आदेश और मुख्यमंत्री की घोषणा में अंतर हैं।

सरकार 4 साल का समर्थन मूल्य और 3 साल का बोनस दें

श्री बघेल ने सरकार पर जवाबी हमला बोला और कहा कि सरकार को तो नौकरशाह चला रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि किसानों को धोखा मत दीजिए, ठगने का प्रयास मत कीजिए। श्री बघेल ने कहा कि सरकार जिस दिन प्रदेश के 96 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित कर रही थी उसी दिन भाजपा के कार्यकर्ता फटाकर फोड़कर और मिठाई बांटकर जश्न मना रही थी।

विपक्ष के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का कहना था कि यह सरकार वाकई में किसानों के प्रति जिम्मेदार तो कांग्रेस की मांग है कि 3 साल का बोनस देें और 4 साल का समर्थन मूल्य 44 हजार 6 सौ करोड़ रूपए का प्रस्ताव लाए विपक्ष समर्थन देने को तैयार हैं। सरकार संवेदनशील होती


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