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खरीफ मौसम में अब तक 11.63 लाख हेक्टेयर में बोनी

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त अजय सिंह ने  मंत्रालय (महानदी भवन) में अधिकारियों की बैठक

खरीफ मौसम में अब तक 11.63 लाख हेक्टेयर में बोनी
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रायपुर। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त अजय सिंह ने मंत्रालय (महानदी भवन) में अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ फसलों की स्थिति और खाद-बीज वितरण व्यवस्था की समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों ने बैठक में बताया कि चालू मौसम के दौरान प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी का लक्ष्य है। इसमें से अब तक 11 लाख 63 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश में अब तक सात लाख सात हजार 621 क्विंटल बीज का भण्डारण किया गया। जिसके विरूद्ध पांच लाख 50 हजार क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है।

इसी प्रकार सात लाख 55 हजार 629 मीटरिक टन उर्वरक का भण्डारण किया जाकर चार लाख मीटरिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीज उर्वरक और कीट नाशकों के विभिन्न स्तरों पर गुणवत्ता नियंत्रण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कृषि विभाग के संचालक से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गुणवत्ता विहीन सामाग्रियों का वितरण ना पाए। किसी भी स्तर पर गुणवत्ता विहीन सामाग्रियों की जानकारी मिलने पर तत्काल कृषि निरीक्षकों द्वारा तत्काल जांच कराई जाए।

जांच में अमानक पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया कि प्रदेश में पर्याप्त वर्षा हो चुकी है। बोनी का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। सभी जिलों में खाद-बीज का पर्याप्त भण्डारण किया गया है। कृषकों की मांग के अनुरूप खाद-बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी तहसीलें जहां 70 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है, उन तहसील क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रबंध संचालक मार्कफेड एवं अपेक्स बैंक अधिकारियों को संस्थागत उर्वरक वितरण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। अपर मुख्य सचिव ने संचालक कृषि को कीटनाशक और उर्वरक नियंत्रण प्रयोग शाला खोलने का प्रस्ताव शीघ्र भेजने के निर्देश दिए। इन प्रयोग शाला के लिए राष्ट्रीय विकास योजना अंतर्गत वित्तीय स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है।

बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की गई। समीक्षा में बताया गया कि खरीफ वर्ष 2016-17 में इस योजना के अंतर्गत बीमित कृषकों को 126 करोड़ 16 लाख का दावा भुगतान किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव ने लाभान्वित कृषकों को सोशल ऑडिट कराने के निर्देश बीमा कंपनियों को दिए। इसके साथ ही उन्होंने जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति द्वारा दस प्रतिशत लाभान्वित कृषकों को सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने रबी मौसम 2016-17 में दावा भुगतान की गणना कर प्राप्त कृषकों को 15 दिवस के भीतर क्षति-पूर्ति प्रदाय करने के निर्देश भी दिए। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खरीफ फसल 2017 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है।

इसमें किसानों का बीमा करने से लेकर दावा भुगतान की समस्त प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा फसल बीमा पोर्टल में बैकों एवं बीमा कंपनियों को सम्पूर्ण ब्यौरे इंद्राज करने होंगे। उन्होंने कहा कि बीमा योजना में अधिक से अधिक अऋणि, बटाईदार, अधिया से कृषि करने वाले कृषकों को बीमा की परिधी में लाने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए एवं इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने फसल उत्पादन के सही आंकलन के लिए सत-प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग मोबाईल एप के माध्यम से कराने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्रीमती रेणु पिल्ले, सचिव कृषि अनूप श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक मार्कफेड पी. अम्बलकर, बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक आलोक अवस्थी, संचालक कृषि एम.एस. केरकेट्टा, संचालक उद्यानिकी नरेन्द्र पाण्डेय और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक ब्रम्हसिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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