आर्यन खान को फंसाने की साजिश का हुआ पर्दाफाश
आर्यन के खिलाफ एनसीबी के पास नहीं था सबूत

बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत तो मिल गई है. लेकिन उन्हें ड्रग्स मामले से अभी तक बरी नहीं किया गया है. एनसीबी की ओर से उन पर कई आरोप लगाए गए. लेकिन जब मामला कोर्ट के सामने पहुंचा तो एनसीबी की ओर से कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया. सिर्फ ये ही दावा किया जाता रहा कि आर्यन के तार ड्रग्स तस्करी के गिरोह से जुड़े हैं. इसलिए उसे जमानत ना दी जाए. लेकिन बंबई हाईकोर्ट ने आर्यन की गिरफ्तारी के 26 दिन बाद 28 नवम्बर को उसे जमानत दे दी. आर्यन खान को मिली जमानत का पूरा बेल ऑर्डर 20 नवंबर को रिलीज कर दिया गया है. 28 अक्टूबर को दिए इस बेल आर्डर में बंबई हाई कोर्ट ने माना है कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के बीच ड्रग्स से जुड़े मामले में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है.. 14 पेज के ऑर्डर में कोर्ट ने कहा है कि शुरूआत जांच में ऐसा नहीं लगता है कि आर्यन खान के खिलाफ एनसीबी के पास कोई ठोस सबूत है. .कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि आरोपी क्रूज पर मौजूद थे, आरोपी के खिलाफ धारा 29 के अपराध को लागू करने का आधार नहीं हो सकता. कोर्ट के लिए ये जरूरी है कि वो ये देखे कि सबूत के रूप में बुनियादी सामग्री की उपस्थिति होनी चाहिए. जिससे ये साबित हो सके कि कोई साजिश की गई है. बता दें कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को 28 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. उस समय हाई कोर्ट ने एक छोटा आर्डर सुनाया था, जबकि कारणों को बताते हुए स्पीकिंग आर्डर आज जारी किया गया है. हाई कोर्ट की वेबसाइट पर आज पब्लिश किए गए आदेश में कोर्ट ने कहा कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला जबकि मर्चेंट और धमेचा से बरामद की गई ड्रग्स की मात्रा NDPS एक्ट के तहत अपराध मानने के लिए 'छोटी' मात्रा थी. कोर्ट ने अपने ऑर्डर में यह भी दोहराया है कि आर्यन खान के एनसीबी को दिए गए बयान का कोई महत्व नहीं होगा. जैसा कि टोफन सिंह बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. इससे साफ है कि नवाब मलिक ने जो आरोप वसूली गैंग को लेकर लगाए हैं उनमें कुछ तो सच्चाई है..


