बोफोर्स घोटाले के याचिकाकर्ता ने सीबीआई से किया पुनर्जांच का अनुरोध
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बाद अब बोफोर्स तोप खरीद घोटाला मामले में याचिकाकर्ता रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर मामले की तत्काल पुनर्जांच
नयी दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बाद अब बोफोर्स तोप खरीद घोटाला मामले में याचिकाकर्ता रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर मामले की तत्काल पुनर्जांच कराने का अनुरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ 2014 का आम चुनाव लड़ने वाले श्री अग्रवाल ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पत्र लिखकर बहुचर्चित घोटाले की फिर से जांच शुरू करने की मांग की है।
श्री अग्रवाल का आरोप है कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने सीबीआई पर दबाव डलवाकर मामले की लीपापोती कराई है, लिहाजा जांच एजेंसी फिर से फाइलें खोलकर सभी दोषियों को सख्त सजा दिलवाये। उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता ने श्री वर्मा को सौंपे आठ पृष्ठ के ज्ञापन में कहा है कि राष्ट्रहित में इस मामले का जल्द निपटारा जरूरी है।
उन्होंने लिखा है कि बोफोर्स तोप घोटाला मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि फिर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए काेई नेता अथवा अधिकारी रक्षा सामग्री की खरीद में घोटाले का दुस्साहस न कर सके। श्री अग्रवाल के अनुसार, इस घोटाले में दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी, ओतावियो क्वात्रोच्चि, विन चड्ढा, हिंदुजा बंधु और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता के कई प्रमाण हैं। कांग्रेस सरकार ने 1986 से 2014 तक इस मामले में रफा-दफा करने की कोशिश की। यह देश के साथ अपराध है। उन्होंने सीबीआई निदेशक को लिखा है कि वह इस मामले से संबंधित वे सभी दस्तावेज जांच एजेंसी को उपलब्ध करायेंगे जिसे उन्होंने तीस हजारी अदालत से प्राप्त किये हैं।
गौरतलब है संसद की लोक लेखा समिति ने जुलाई के आखिरी हफ्ते में हुई बैठक में बोफोर्स सौदे की गुम हुई फाइलों को तलाशने का रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया था, लेकिन मंत्रालय ने पीएसी को आधी-अधूरी रिपोर्ट मुहैया करायी थी, जिस पर समिति ने रक्षा मंत्रालय पर नाराजगी जतायी थी। श्री अग्रवाल का आरोप है सीबीआई ने बोफोर्स सौदेबाजी में घूसखोरी की बात सामने आने पर 2003 में डीलर क्वात्रोच्चि के लंदन के दो खाते फ्रीज करा दिये थे। ये खाते बीएसआई एजी बैंक लंदन में चल रहे थे। दोनों खाते इटली के हथियार दलाल क्वात्रोच्चि और उसकी पत्नी मारिया के थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता का आरोप है कि तत्कालीन संप्रग सरकार के इशारे पर दोनों खाते खोल दिये गये थे, जिसके तत्काल बाद क्वात्रोच्चि ने रिश्वत के 42 करोड़ रुपये निकालकर ठिकाने लगा दिये थे। उन्होंने श्री अग्रवाल ने मांग की है कि क्वात्रोच्चि ने लंदन के बैंक खाते से पैसे निकालकर किसको और कहां पैसा भेजा, इसकी जांच जरूरी है।


