बोदरी के 8 पार्षदों का सामूहिक इस्तीफा
नगर पंचायत बोदरी में अध्यक्ष पति की तानाशाही से नाराज होकर 8 पार्षदों ने आज कलेक्टर को इस्तीफा सौप दिया

बिलासपुर। नगर पंचायत बोदरी में अध्यक्ष पति की तानाशाही से नाराज होकर 8 पार्षदों ने आज कलेक्टर को इस्तीफा सौप दिया। पार्षदों ने आरोप लगाया है कि बोदरी नगर पंचायत में अध्यक्ष मंजू दुबे के पति दीवाकर दुबे का हस्तक्षेप है। कलेक्टर पी.दयानंद ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
बोदरी नगर पंचायत के 14 पार्षदों में से 8 पार्षद जिसमें विजय वर्मा, इंद्रकुमार भोजवानी, सावित्री देवी, उषा अशोक मोहोनी, हीरालाल लोधी, दीपक वर्मा, रामेश्वर सिंह, धु्रव, जमुना बाई खुसरो ने कलेक्टर को इस्तीफा सौपते हुए कहा कि नगर पंचायत बोदरी में पार्षदों के लिए एक कुर्सी तक नहीं है। अध्यक्ष व सीएमओ के लिए एसी की व्यवस्था की गई है और तो और पिछले पांच माह से अध्यक्ष ने पीआईसी की बैठक नहीं बुलाई है। पिछली बैठकों में शहर विकास के प्रस्ताव को नजरअंदाज कर अध्यक्ष पति ने अपनी मर्जी से लाखों के प्रस्ताव पारित करा लिए। वार्डों में पार्षदों के द्वारा जो काम कराए जाने हैं उस पर रोक लगा दी गई है। पार्षद निधि के काम नहीं हो रहे हैं, प्रकाश व्यवस्था ठप है, पानी सप्लाई में भी पार्षदों से भेदभाव किया जा रहा है।
शौचालय के निर्माण में भी पार्षदों की नहीं सुनी जा रही है। पीआईसी की बैठक में अध्यक्ष को दस लाख के काम स्वीकृत करने का अधिकार है लेकिन यहां भी मनमानी चल रही है। पार्षद विजय वर्मा का कहना है कि पार्षदों की उपेक्षा के चलते वार्ड में जनता के बीच पार्षदों की छवि धूमिल हो रही है, वार्ड में काम नहीं हो रहे हैं। पिछले कई माह पार्षद परेशान है इसलिए अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत परिषद के 8 पार्षदों ने अपना सामूहिक इस्तीफा दिया है तथा मांग की है कि पीआईसी को भंग कर नगर पंचायत बोदरी में अराजकता के जिम्मेदार अध्यक्ष पति दीवाकर दुबे, सीएमओ राकेश शर्मा, अभियंता नारायण कुमार, शालिनी कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ज्ञात हो कि बोदरी नगर पंचायत में इन दिनों घमासान मचा है। आज इस्तीफा सौंपने वालों में भाजपा के पांच तथा कांग्रेस के तीन पार्षद शामिल हैं। इस घटना के बाद बोदरी नगर पंचायत में हड़कंप मच गया है। ज्ञात हो कि अध्यक्ष अंजू दुबे कांग्रेस से हैं तथा विजय वर्मा भी कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। पिछले पांच माह से नगर पंचायत बोदरी में घमासान मचा हुआ है। नगर पंचायत में अध्यक्ष पति की मनमानी तथा पीआईसी में गड़बड़ी को लेकर दोनों दलों के पार्षदों ने मोर्चा खोला है। विजय वर्मा का कहना है कि नगर पंचायत में यह स्थिति है कि पिछले ढाई साल से राशनकार्ड में नाम जुड़वाने के लिए लोग भटक रहे हैं। कई परिवारों को चांवल से वंचित होना पड़ रहा है।
कई पार्षदों के वार्ड में भेदभाव कर जलप्रदाय के लिए पाईप लाईन तो बिछाई गई लेकिन पानी सप्लाई नहीं किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी जानबूझकर सर्वे रोका गया। अध्यक्ष पति दीवाकर दुबे वार्डों में घूम-घूमकर पार्षदों की खिलाफत कर रहे हैं।


