ब्रिटेन में 41 प्रतिशत बीएमई कर्मचारी नस्लवाद से पीड़ित : शोध
इस लेटेस्ट स्टडी के अनुसार, ब्रिटेन में लगभग 41 प्रतिशत बीएमई कर्मियोंको पिछले पांच सालों में काम पर नस्लवाद का सामना करना पड़ा है।

लंदन: इस लेटेस्ट स्टडी के अनुसार, ब्रिटेन में लगभग 41 प्रतिशत बीएमई कर्मियोंको पिछले पांच सालों में काम पर नस्लवाद का सामना करना पड़ा है। देश के श्रमिक संघों के एक संघ, ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस (टीयूसी) द्वारा प्रकाशित शोध रिपोर्ट के अनुसार, युवा लोगों में स्थिति और भी गंभीर है, 25 से 34 वर्ष की आयु के लगभग 52 प्रतिशत बीएमई कर्मियों ने इसी अवधि के दौरान नस्लवाद से पीड़ित होने की सूचना दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें नस्लवादी जोक्स सुनाना, नस्लवादी टिप्पणी देना या सीधे तौर पर धमकाना और उत्पीड़न करना शामिल है।
शोध रिपोर्ट में नस्लवादी व्यवहार की घटनाओं की रिपोर्ट करने में कर्मियों की अनिच्छा पर भी प्रकाश डाला गया है।
लगभग 44 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने कभी रिपोर्ट नहीं की, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जाएगा।
शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि नस्लवाद और भेदभाव की घटनाओं का बीएमई कर्मचारियों पर स्पष्ट नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
लगभग एक तिहाई ने बताया कि 35 प्रतिशत कर्मियों का कहना है कि उन्हें काम पर कम आत्मविश्वास महसूस होता है। वहीं 34 प्रतिशत कर्मियों ने कहा कि घटनाओं के चलते उन्हें काम पर शर्मिदगी का सामना करना पड़ता है। वहीं 31 प्रतिशत कर्मियों ने मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात कही।


