रक्तदान पखवाड़े में एकत्र किया गया 146 यूनिट रक्त
कोविड.19 की वैश्विक महामारी के दौर में भी जिले के जागरूक नागरिकों ने अपने संकल्प से बिना डिगे बड़ी संख्या में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में भाग लिया

महासमुंद। कोविड.19 की वैश्विक महामारी के दौर में भी जिले के जागरूक नागरिकों ने अपने संकल्प से बिना डिगे बड़ी संख्या में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में भाग लिया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 200 की संख्या में आए इन दानदाताओं के आवश्यक परीक्षण उपरांत जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने कुल 146 रक्तदानदाताओं से रक्त लिया। एक अक्टूबर से चल रहे इस रक्तदान शिविर आयोजन का गुरूवार 15 अक्टूबर को अंतिम दिन है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के परदल सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ एन के मंडपे की उपस्थिति में रक्त दानदाताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण.पत्र वितरित कर सम्मानित किया जाएगा।
ब्लड बैंक प्रभारी अधिकारी डॉ विपिन बिहारी अग्रवाल ने बताया कि आयोजन के दौरान जिला मुख्यालय सहित सभी विकासखण्डों से आए रक्तदानदाताओं ने बढ़.चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसमें महामाया सेवा समिति, जय मां चंडी रक्तदान सेवा समिति और लाइफ लाइन सेवा समिति के युवाओं का योगदान उल्लेखनीय रहा।
रक्तदानदाताओं प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मानित करने के लिए गुरूवार 15 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। साथ ही पखवाड़े के अंतिम दिन भी रक्तदान लिया जाएगा। ब्लड बैंक सलाहकार सुनील साहू ने बताया कि एक यूनिट रक्तदान में 350 मिलीग्राम रक्त लिया जाता है। ऐसा हर 03 महीने में कर सकते हैं। रक्तदान के पूर्व की जांच से आपके शरीर की स्थिति व एचआईवी, हैपिटाइटिस बीसी, वीडीआरएल और मलेरिया जैसी बीमारियों का भी पता चलता है। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही रक्त सुरक्षित रखा जाता है। अगर बीमारी पॉजिटिव हो तो इसके बारे में आपको बता दिया जाता है। रक्तदान से हृदय घात एवं कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही शरीर में वसा की मात्रा नियंत्रित कर यह वजन घटाने एवं बढ़ाने दोनों में सहयोगी होता है।
मैडिकल लैब टैक्नोलॉजिस्ट खिलेश्वर चंद्राकर के मुताबिक औसतन 18 से 55 वर्ष के लोग रक्तदान कर सकते हैं। वहीं गर्भवती महिलाएं, मधुमेह के मरीज, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति, एनिमिक, कैंसर, क्षय रोग मतलब टीबी से पीडि़त, किडनी रोग, हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव, लिवर के मरीज, अस्थमा व पीलिया से पीडि़त मरीज रक्तदान ना करें। लम्बे समय से दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति भी रक्तदान न करें। खाली पेट कभी भी रक्तदान नही करना चाहिए। रक्तदान के 48 घंटे पहले से सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तम्बाकू, गुडाखू एवं शराब जैसे किसी भी प्रकार का नशा किए लोगों से रक्तदान नहीं लिया जा सकता।


