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शहर में फर्राटे से दौड़ रही काली फिल्म वाले वाहन

शासन के नियमो का खुले आम धज्जियाँ किस तरह उड़ाया जाता है यह भाटापारा शहर में देखा जा सकता है

शहर में फर्राटे से दौड़ रही काली फिल्म वाले वाहन
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भाटापारा। शासन के नियमो का खुले आम धज्जियाँ किस तरह उड़ाया जाता है यह भाटापारा शहर में देखा जा सकता है भाटापारा शहर एवं आस पास के इलाक़ों में काली फ़िल्म लगी गाड़ियों का फ़ैशन तेज़ी से बढ़ रहा है शासन ने नियम बनाया है कि चार पहिया वहनो में आर टी ओ से अनुमति प्राप्त वाली फ़िल्म ही लगाया जा सकता है जिस से गाड़ियों के अंदर की गतिविधियों को चलती गाड़ियों के बाहर से आसानी से देखा जा सके पर यहाँ शासन के नियमों की धज्जि उड़ाते हुए काले कलर की फ़िल्म लगा कर घूमते हुए आसानी से देखा जा सकता है जिसके कारण गाड़ियों के अंदर देखना लगभग नामुमकिन होता है।

इस तरह की गाड़ियों से देश में कई बड़ी वारदात हो चुकी है पर शासन इन्हें रोकने में गम्भीर नज़र नहीं आ रही है काली फ़िल्म लगी गाड़ियों का उपयोग आपराधिक तत्व अपहरण, बलात्कार, डकैती जैसी गम्भीर अपराध को अंजाम देने के लिए करते है एवं वारंटि अपराधी अपराधी इस तरह की गाड़ियों में आसानी से घूमते है।

काली फ़िल्म लगी गाड़ियों की वजह से अपराधियों को पहचानना एवं तलाश करना मुश्किल हो जाता है शासन को इस तरह की गाड़ियों पर कर्यवही करना बहुत ज़रूरी है ताकि कोई भी आसानी से अपनी गाड़ियों में काली फ़िल्म न लगा सके ।

वर्तमान में पदस्थ बलौदबाज़ार एस पी एवं कलेक्टर के द्वारा जनसमस्या एवं सामाजिक स्तर पर सराहनीय पहल की गई है आम जनता की समस्या को समझते हुए सड़कों पर आवारा पसुओ में रेडियंम लगा कर दुर्घटनाओं को कम करने का प्रयास हो या स्कूल में पहुँच कर बच्चों को नियमो की जानकारी देना। इन सभी पहलुओं को नज़र में रखते हुए लोगों को उम्मीद है कि अवैध कार्यों में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा ।


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