दिल्ली के तीनों निगमों में भाजपा की हैट्रिक... खिला कमल, झाडू टूटी, जनता ने नहीं बढ़ाया हाथ
कांग्रेस ने मतप्रतिशत तो सुधारा लेकिन परिणाम निराशाजनक होने के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, आप के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे ने इस्तीफा दे दिया है।

- अजय माकन, दिलीप पांडे ने दिया इस्तीफा
- सोमनाथ भारती और अल्का लांबा ने की इस्तीफे की पेशकश
अनिल सागर
नई दिल्ली, 26 अप्रैल (देशबन्धु)। दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है, आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने इस जीत को सुकमा के शहीदों को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर मुहर बताया है तो आम आदमी पार्टी ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा।
आम आदमी पार्टी के कई मंत्रियों, विधायकों के इलाकों में हार का मुंह देखने के बाद अल्का लांबा, सोमनाथ भारती आदि ने इस्तीफे की पेशकश की है।
कांग्रेस ने मतप्रतिशत तो सुधारा लेकिन परिणाम निराशाजनक होने के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, आप के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे ने इस्तीफा दे दिया है।
बुधवार सुबह मतगणना जैसे ही शुरू हुई भाजपा ने बढ़त बना ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की 64 सीटों में से 47 पर भाजपा ने जीत हासिल की।
उल्लेखनीय है कि यहां “आप” नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का इलाका है और आप को महज 11 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस यहां तीन सीटों पर सिमट गई और बीएसपी को दो सीटें मिली हैं जबकि यहां हड़ताल, गंदगी को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को जमकर घेरा था।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 104 वार्डों में भाजपा को 71 सीटें मिली तो वहीं आप यहां 16 और कांग्रेस 11 सीटों पर ही जीत सकी। यहां चार सीटों पर निर्दलीय व एक-एक सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भी जीत मिली है।
उत्तरी दिल्ली में भी 64 सीटों के साथ बहुमत भाजपा को मिला और कांग्रेस 15, आप 21 और अन्य दो वार्ड में विजयी हुए।
कुल 270 वार्ड में हुए चुनाव में से भाजपा को 183, कांग्रेस 29, आप 47 व अन्य के खाते में 11 सीटें गई हैं।
निगम चुनाव में भाजपा ने पिछली बार 138 की तुलना में जहां बड़ी जीत हासिल की है वहीं कांग्रेस 77 से 30 पर आ टिकी और वर्ष 2015 के विधानसभा के मुकाबले आप बुरी तरह से पराजित हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे मोदी सरकार के कामकाज पर मुहर बताते हुए जनता का आभार जताया तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा अरविंद केजरीवाल जनता की ईंट से ईंट बजाना चाहते थे उनकी धमकी, चेतावनी का जवाब है यह जीत।
हां, दिल्ली नगर निगम चुनाव से राजनीति में कदम रखने वाली स्वराज इंडिया एक भी सीट पर खाता नहीं खेाल सकी।
भाजपा को सबसे ज्यादा 36.18 फीसदी वोट मिला तो वहीं पांच उम्मीदवार ऐसे भी थे जिनकी जमानत जब्त हो गई।
आम आदमी पार्टी को 26.23 प्रतिशत मत मिले और 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। जबकि कांग्रेस ने सुधार करते हुए 21.11 मत हासिल करते हुए 29 सीटों पर कब्जा किया जबकि उसके 94 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि हैरान करने वाली बात यह रही कि पहली बार नोटा का प्रबंध किया गया था जिस पर 48724 लोगों ने नोटा को चुना। छत्तरपुर से अनीता तंवर ने दो मतों से जीत दर्ज की जबकि कमलजीत सहरावत ने सर्वाधिक 9866 मतों से विजय हासिल की।


