यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का सियासी मंथन
यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कसरत करना शुरू कर दी है

लखनऊ। यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कसरत करना शुरू कर दी है। मंगलवार को प्रदेश मुख्यालय पर पूरे दिन बैठकों का दौर चलता रहा। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने मंत्रियों से सरकार के कामकाज और जनता के बीच बने माहौल का फीडबैक लिया। बैठक में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर भी मंत्रियों से चर्चा हुई और नाराजगी कैसे दूर हो सकती है, इस पर राय भी मांगा गया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मंगलवार सुबह से ही मंत्रियों से मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम तक चलता रहा।
मंत्री अपने साथ कामकाज का ब्यौरा लेकर पहुंचे थे, जिसे उन्होंने साझा किया। सरकार की तरफ से कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और संगठन के असहयोग से कार्यकर्ताओं में असंतोष और नाराजगी है।
यूपी में बस सात महीने बाद चुनाव होने हैं। ऐसे में बंगाल में हार के बाद से पार्टी किसी तरह की जोखिम नहीं लेना चाहेगी। भाजपा जानती है, अगर यूपी गड़बड़ हुआ तो फर्क अगले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।
राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने एक-एक मंत्री से अलग-अलग बात कर उनके विभाग के कामकाज, कोरोना संक्रमण के बाद की स्थिति, सरकार व संगठन के प्रति जनता की धारणा, विधानसभा चुनाव के संभावित परिणाम, सरकार व संगठन की वह कमियां जिन्हें चुनाव के लिहाज से दूर किया जाना चाहिए सहित अन्य मुद्दों पर बात की।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार सुबह करीब 9.15 बजे सबसे पहले मुलाकात की। करीब सवा घंटे की मुलाकात के बाद बाहर निकले उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि चुनाव को लेकर बातचीत हुई है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटे जीतेगी।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी बीएल संतोष से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि कोरोना प्रबंधन और संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर बात हुई है। एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर सहित अन्य मंत्रियों ने भी बीएल संतोष से मुलाकात कर अपना फीडबैक दिया।


