भाजपा दिल्ली सरकार को राजधानी के 40 गांवों के नाम बदलने का प्रस्ताव भेजेगी
दिल्ली में मोहम्मदपुर गांव का नाम अब तक न बदले जाने के कारण भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है

नई दिल्ली। दिल्ली में मोहम्मदपुर गांव का नाम अब तक न बदले जाने के कारण भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा के मुताबिक, जहांगीरपुरी पहली ऐसी घटना नहीं है जहां 'आप' की तुष्टिकरण की राजनीति बेनकाब हुई है, बल्कि ऐसी कई घटनाएं हैं, जब दिल्ली सरकार ने एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए कई फैसले लिए हैं। दरअसल, बीते कुछ महीनों पहले दक्षिणि दिल्ली नगर निगम के पार्षद भगत सिंह टोकस द्वारा मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधव पुरम रखने का अनुरोध किया था, लेकिन अब भाजपा का आरोप है कि निगम के टाउन प्लानिंग विभाग ने दिल्ली सरकार के यूडी विभाग को 9 दिसंबर को 2021 को पत्र दिया था, लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी इसका नाम नहीं बदला गया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, "सरकार गुलामी के प्रतीक इस गांव के नाम को बदलने की जहमत नहीं उठाई और ना ही इसका कोई जवाब दिया। इससे ग्रामीणों के अंदर रोष है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली विपक्षी पार्टियां आज पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी हैं, क्योंकि आज इनके वोट बैंक पर न्याय का बुलडोजर चल रहा है।"
उन्होंने कहा, "सिर्फ मोहम्मदपुर गांव ही नहीं, बल्कि दिल्ली के ऐसे 40 गांव हैं जिनका नाम बदलने के लिए ग्रामवासियों ने मुझसे मिलकर सहमति जताई है, जिसमें हुमायूंपुर, युसूफ सराय, मस्जिद मोठ, बेर सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सदैला जॉब, फतेहपुर बेरी, हौज खास, शेख सराय इत्यादि सहित अन्य गांवों के नाम भी शामिल हैं।"


