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त्रिपुरा में भाजपा की शांति, विकास के मुद्दे के साथ वापसी होगी : सरमा

असम के मुख्यमंत्री और एनईडीए के अध्यक्ष डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि त्रिपुरा में भाजपा 2018 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त सीटों से भी ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी

त्रिपुरा में भाजपा की शांति, विकास के मुद्दे के साथ वापसी होगी : सरमा
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अगरतला। असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के अध्यक्ष डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2018 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त सीटों से भी ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी।

श्री सरमा ने कहा कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 11 जनजातीय आरक्षित सीटों सहित 36 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने 20 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन की पार्टी टिपरा मोथा की आंधी में आईपीएफटी पहाड़ियों में लगभग समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हालांकि 15 जनजातीय आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं और आईपीएफटी को इस बार पांच सीटें दी है।

श्री सरमा मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की एक विशाल रैली में शामिल हुए, जो पूर्वोत्तर में भाजपा प्रभारी डॉ संबित पात्रा और कई अन्य केंद्रीय नेताओं के साथ शहर की प्रमुख सड़कों से गुजरते हुए नामांकन दाखिल करने के लिए आगे बढ़ी। डॉ. साहा और अन्य लोगों ने यहां सदियों पुराने दुर्गाबाड़ी मंदिर में पूजा और प्रार्थना की।

श्री सरमा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “2018 में कम्युनिस्टों के 25 वर्षों के लंबे कुशासन के कारण भय का माहौल था, लेकिन अब वहां शांति बहाल हो चुकी है। त्रिपुरा ने पिछले पांच वर्षों में भाजपा-आईपीएफटी के शासनकाल में एक प्रभावशाली विकास देखा है, जिसकी आकांक्षा लोग कुछ दशकों से कर रहे थे। त्रिपुरा पहले कम्युनिस्टों के दमनात्मक कार्योंके लिए जाना जाता था, लेकिन आज दुनिया त्रिपुरा को पर्यटन, कनेक्टिविटी, अनानास और दक्षिण पूर्व एशिया के गलियारे के रूप जानती है।”

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लोग उग्रवाद, अविकसित, नारा संस्कृति और सामाजिक उत्पीड़न के शासन में नहीं जीना चाहते हैं। राज्य में कम से कम 12.5 लाख लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त हुआ है, साढ़े चार लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है और पांच वर्षों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 53 प्रतिशत लोगों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की गई है, जो पहले केवल तीन प्रतिशत थी।

कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई गरीब परिवारों को मुफ्त राशन की आपूर्ति अभी भी जारी है और त्रिपुरा के लगभग 25 लाख परिवारों को इससे लाभ प्राप्त हो रहा है, पीएमएवाई के अंतर्गत पांच वर्षों में 3.5 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया गया है, 2.5 लाख किसानों के बीच लगभग 500 करोड़ रुपये फंड का वितरित किया गया है और भाजपा के शासनकाल में 35 हजार महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी हुई है।

श्री सरमा ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री के दिल में पूर्वोत्तर के लिए विशेष भावना है और वह पूर्वोत्तर को देश के अन्य क्षेत्रों केबराबर लाने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। त्रिपुरा को केवल 3,500 करोड़ रुपये का केंद्रीय विकास कोष मिलता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में श्री मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 14 हजार करोड़ रुपये कर दिया। इसलिए, लोग शांति में विकास के लिए फिर से भाजपा को वोट देंगे।”

श्री सरमा ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के गठबंधन को 'जीरो' करार दिया क्योंकि दोनों पार्टियां अब पूरे देश में अपना आधार खो चुकी हैं और त्रिपुरा के लोग इसे अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए उनका गठबंधन कोई बड़ा मुद्दा नहीं है भाजपा का कोई विकल्प नहीं है।


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