ओमप्रकाश राजभर ने की घोषणा, भाजपा के साथ होगी अब सीधी लड़ाई
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली भारतीय समाज पार्टी(एसबीएसपी)और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के बीच विवाद बढ़ गया है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली भारतीय समाज पार्टी(एसबीएसपी)और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के बीच विवाद बढ़ गया है। कैबिनेट मंत्री ने भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर मोर्चा खोल दिया है।
एसबीएससी ने भाजपा अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे के खिलाफ चांदौली लोकसभा सीट से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील पटेल को मैदान में उतारने की घोषणा की है। श्री पांण्डेय चंदौली सीट से मौजूदा भाजपा सांसद है। हाल ही में एसबीएसपी और भाजपा अध्यक्ष के बीच का विवाद सार्वजनिक हो गया था।
बुधवार की शाम को राज्य की राजधानी लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने घोषणा की है कि अब भाजपा के साथ सीधी लड़ाई होगी। वे अति पिछड़ों को आरक्षण दिये जाने के मुद्दे पर पीछे नही हटेंगे। एसबीएसपी ने पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत कोटे में से अति पिछड़ों को भी आरक्षण देने की मांग की है।
राजभर ने गुरूवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी को इस बात की कोई चिन्ता नही है कि भाजपा उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दे। उन्होंने कहा, “पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। यदि भाजपा हमारी मांग पर विचार नही करेगी तो एसबीएसपी निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है।
एसबीएसपी विधायक सोनकर 4500 बुनकरों को रिण देने तथा सब्सिडी के मामले में 600 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी है। बुनकरों ने एसबीएसपी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि घोटाले में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा चाहे वह विधायक ही क्यो न हो।
हालांकि, सोनकर ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है क्योंकि वह दलित हैं। उन्होंने कहा, “मुझे राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग के कारण फंसाया गया है। लेकिन जनता जानती है कि चोर कौन है और आने वाले 2019 चुनावों में जनादेश से स्पष्ट हो जायेगा।” उन्होंने संकेत दिया कि लोग भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे।
भाजपा और एसबीएसपी के बीच इस तरह की टकराहट काफी दिनों से चल रही है। इस बीच, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने गुरुवार को कहा कि पार्टी एसबीएसपी की गतिविधियों पर नजर रखे है। उन्होने कहा कि भाजपा अपनी ओर से गठबंधन तोड़ने के लिए कोई कठोर निर्णय नहीं लेना चाहती हैं।
एसबीएसपी विधायक सोनकर 4500 बुनकरों को रिण देने तथा सब्सिडी के मामले में 600 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी है। बुनकरों ने एसबीएसपी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि घोटाले में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा चाहे वह विधायक ही क्यो न हो।
हालांकि, सोनकर ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है क्योंकि वह दलित हैं। उन्होंने कहा, “मुझे राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग के कारण फंसाया गया है। लेकिन जनता जानती है कि चोर कौन है और आने वाले 2019 चुनावों में जनादेश से स्पष्ट हो जायेगा।” उन्होंने संकेत दिया कि लोग भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे।
भाजपा और एसबीएसपी के बीच इस तरह की टकराहट काफी दिनों से चल रही है। इस बीच, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने गुरुवार को कहा कि पार्टी एसबीएसपी की गतिविधियों पर नजर रखे है। उन्होने कहा कि भाजपा अपनी ओर से गठबंधन तोड़ने के लिए कोई कठोर निर्णय नहीं लेना चाहती हैं।


