Top
Begin typing your search above and press return to search.

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी भाजपा

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा सामूहिक नेतृत्व में ही विधान सभा चुनाव लड़ेगी

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी भाजपा
X

नई दिल्ली। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा सामूहिक नेतृत्व में ही विधान सभा चुनाव लड़ेगी। दोनों राज्यों की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा ने सैद्धांतिक तौर पर यह तय कर लिया है कि भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं करेगी। दोनों ही राज्यों में पार्टी सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ेगी और चुनाव पश्चात विधायक दल की बैठक में नेता यानी मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। सीएम पद का चेहरा पेश नहीं करने का भाजपा का यह सैद्धांतिक फैसला राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के लिए किसी झटके से कम नहीं है। दोनों अपने-अपने प्रदेशों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी है। वसुंधरा राजे सिंधिया लगातार इस बात का प्रयास कर रही है कि पार्टी राजस्थान में उनके चेहरे को आगे रखकर विधान सभा चुनाव लड़े तो वहीं रमन सिंह भी छत्तीसगढ़ को लेकर पार्टी से इसी तरह की उम्मीदें कर रहे थे।

दरअसल , राजस्थान और छत्तीसगढ़, दोनो ही राज्यों में वर्तमान में कांग्रेस की सरकारें हैं। राजस्थान में कांग्रेस के अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं।

राजस्थान और छत्तीसगढ़, दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष यानी 2023 के आखिर में विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन भाजपा ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले कुछ महीनों के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह कई बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं। पार्टी ने राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक भी की थी। राजस्थान को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी सक्रिय हो गया है।

संघ ने इस बार अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक राजस्थान में ही की थी। राजस्थान के झुन्झुनू में 7 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक हुई थी। इस तीन दिवसीय बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के देशभर के सभी 45 प्रांतों के प्रांत प्रचारक व सह प्रांत प्रचारकों के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ ही संघ से जुड़े अन्य विभिन्न संगठनों के अखिल भारतीय स्तर के संगठन मंत्री भी शामिल हुए थे।

बैठकों और नेताओं के दौरों से , यह बिल्कुल साफ-साफ नजर आ रहा है कि भाजपा राजस्थान को लेकर कितनी गंभीर है। पार्टी आलाकमान फिलहाल इन दोनों राज्यों में विपक्ष की भूमिका में है और उसे गुटबाजी से होने वाले नुकसान का अंदाजा भी है। इसलिए भाजपा ने राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी चेहरे के बिना ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it